chudail ki kahani in hindi । चुड़ैल की कहानी । Daravani Kahani

Chudail ki Kahani: ताराबाई का इंतकाम

तांडवनगरी नाम के शहर के कोने में एक पुरानी जर्जर हवेली थी। उस हवेली में सालों से कोई नहीं गया था। शहर के लोगों का मानना था कि उस हवेली में कोई शैतानी आत्मा रहती है, जो उस हवेली में जाने वालो को वापस नहीं आने देती। मुश्किल ही कोई व्यक्ति वहां से बचकर निकला था।

तांडवनगरी में ही एक परिवार रहता था। इस परिवार को तांडवनगरी में आए 4-5 साल ही हुए थे। परिवार में एक दंपती जोड़ा और एक उनका बेटा रहता था। उनके बेटे का नाम कैटी था। कैटी यूट्यूब पर वीडियो ब्लॉगिंग करता था। वह सोशल मीडिया की दुनिया में एक जाना-माना चेहरा था। कैटी को भूत-प्रेत की बातों पर विश्वास नहीं था।

कैटी यूट्यूब पर चैलेंजिंग टास्क पर भी वीडियो ब्लॉगिंग करता था। बहुत दिनों तक कैटी को कोई चैलेंजिंग वीडियो का आइडिया नहीं मिला। एक दिन कैटी अपने वीडियो कंटेंट के आइडिया के लिए कैटी अपनी टीम के साथ चर्चा कर रहा था। टीम ने उसे बहुत सारे सुझाव दिए लेकिन कैटी ऐसा कंटेंट चाहता था, जो अनोखा और रोचक हो। जिस पर किसी भी वीडियो ब्लॉगर ने काम नहीं किया हो और जिसे लोग चाव से देखे।

कैटी के एक टीम मेंबर ने उसे तांडवनगरी के कोने में स्थित हवेली के बारे में बताया। उसने बताया उस हवेली में जाने वाला व्यक्ति मुश्किल से ही बचकर बाहर आया है। कैटी को अपनी अगली वीडियो के लिए कंटेंट मिल गया था। लेकिन उसकी टीम से कोई भी व्यक्ति उसके साथ जाने के लिए तैयार नहीं था। कैटी ने सबको समझाया कि भूत-प्रेत कुछ नहीं होते। ये बस लोगो को अंधविश्वास और Chudail ki Kahani मात्र है। पर उसकी टीम का कोई भी सदस्य नहीं माना अपितु वे काम छोड़ने के लिए तैयार हो गए।

कैटी ने अब अकेले ही उस हवेली में जाने की योजना बनाई। उसके दोस्तों ने उसे समझाया कि वहां जाना सुरक्षित नहीं हैं लेकिन उसका केवल एक ही उत्तर होता “कौनसे जमाने में जी रहे हो यार तुम लोग? ऐसा कुछ भी नहीं होता और अगर यकीन नहीं है तो मेरा पूरा ब्लॉग देख लेना।”

उसके दोस्तों ने कहा “देखलो! तुम अपने पैरो पर कुल्हाड़ी खुद मार रहे हो। उस हवेली में कोई चुड़ैल है, जो वहां जाने वाले को मार देती है। हर chudail ki kahani होती है, जिसमे वो इंतकाम लेती है। कहीं तुम भी उस chudail ki kahani के इंतकाम का हिस्सा न बन जाओ।” उसने दोस्तों की बातों की परवाह नहीं की।

Chudail ki Kahani: ताराबाई का इंतकाम

अगले दिन, सुबह होते ही वो अपना कैमरा लेकर उस हवेली की ओर अकेला ही चला गया। हवेली के चारों ओर जर्जर चारदीवारी थी। हवेली का बाहरी गेट जालीदार था। कैटी ने उस गेट से अंदर झांका तो उसे कुछ भी असामान्य नहीं लगा। अब उसने अपना कैमरा चालू किया और रिकॉर्डिंग शुरू की। उसने हवेली के चारों ओर का दृश्य कैमरे में रिकॉर्ड करने के बाद चारदीवारी के भीतर प्रवेश किया। (Chudail ki kahani in hindi)

चारदीवारी में प्रवेश करते ही उसका मन नकारात्मक भावनाओं से भर गया। उसे डर और निराशा महसूस हो रही थी। उसने कैमरे पर भी अपने विचार शेयर किए। पर वो अपने कदम रोकने के लिए तैयार नहीं था। उसने हवेली के चारों ओर का मुआयना किया तो उसे वहां एक पुराना शिवालय दिखा। शिवालय और हवेली की दीवार एक ही थी और शिवालय से एक रास्ता हवेली के भीतर भी जाता था।

हवेली के चारों ओर का मुआयना करने के बाद उसने हवेली के मुख्य द्वार का रुख किया। इस पर लकड़ी से बना बहुत बड़ा दरवाजा था। दरवाजे की लोहे की कुंडी पर जंग लगी हुई थी। शायद उसे बहुत सालों से किसी ने खोला नहीं था। वह बहुत भरी गेट था, शायद यह कोई राजाओं के वक्त की हवेली थी। गेट खोलने की आवाज बहुत दूर तक सुनाई दी थी।

कैटी हवेली के अंदर का हर दृश्य रिकॉर्ड कर रहा था। हवेली बिल्कुल सुनसान थी, लेकिन कैटी को बार बार अहसास हो रहा था कि कोई उसे देख रहा है। वह हर छोटी गतिविधि की ओर अपना कैमरा घुमा देता। अचानक उसे किसी के रोने की आवाज आई, यह पहचान पाना मुश्किल था कि वो आवाज जानवर की है या किसी औरत के रोने की। कैटी ने अपने कदम उस दिशा में बढ़ाए। उसे वह आवाज एक कमरे से आती हुई सुनाई दे रही थी। उस कमरे में बहुत अंधेरा था…..

उस कमरे में कैटी के प्रवेश करते ही अचानक वह आवाज आना बंद हो गई…कैटी टॉर्च ऑन करने ही वाला था कि अचानक उसे किसी चीज को खुद की ओर झपटते हुए देखा…कैटी के चेहरे पर किसी ने नाखून से हमला किया था। अब कैटी कांपने लगा था। उसके पैर जवाब दे चुके थे…उसने टॉर्च को ऑन किया तो उसने देखा कि बाहर ..एक बिल्ली भागती हुई जा रही है। 

अब कैटी को खुद पर हंसी आने लगी। ना जाने उस वक्त उसके मन में क्या-क्या ख्याल आए थे। जैसे-जैसे कैटी हवेली के भीतर जा रहा था, हवेली में अंधेरा और भी गहरा हो रहा था। हवेली के मुख्य प्रांगण तक पहुंचने से पहले ही हवेली अंधेरे में डूब गई थी। कैटी के पास रोशनी का एकमात्र स्रोत उसकी टॉर्च थी, वो भी उसे पर्याप्त नहीं लग रही थी। ऐसा अक्सर Chudail ki kahani में ही होता है।

हवेली के प्रांगण में पहुंचते ही उसका पैर किसी चीज से टकराया, तो वो गिर गया। उसने जब देखा तो वहां एक कंकाल था। कंकाल को हाथ में उठाते ही शिवालय में जोर-जोर से घंटियां बजने लगी। एक अजीब सी डरावनी धुन उसे सुनाई देने लगी। कैटी को लगता कि कोई बार-बार उसके पास से गुजर रहा है, लेकिन वो कुछ भी देख नहीं पाया। कैटी के कैमरे ने काम करना बंद कर दिया। टॉर्च की रोशनी भी बार-बार झपक रही थी।

अब कैटी को विश्वास हो गया था कि यहां जरूर कुछ है। वह पसीने से तर-बत्तर था। वो वहां से भागने लगा तो उसे बाहर का दरवाजा बंद होने की आवाज सुनाई दी….. उसे लगा कि उसका अंतिम समय नजदीक है पर उसे हार नहीं माननी चाहिए। वो इधर से उधर भाग रहा था और जिस तरफ भी जाता, दरवाजा बंद हो जाता। तभी उसे एक कमरे से रोशनी आती हुई दिखाई दी…. कैटी बेतहासा उसकी ओर भागा। उस कमरे में एक दिया जल रहा था। वहां पड़ी एक कुर्सी हिल रही थी। एक मेज के पास नीचे एक फटी हुई डायरी रखी थी। (जिसमे उस chudail ki kahani थी पर कैटी को अभी यह बात मालूम नहीं थी।)

कैटी को पता था कि उस कमरे में जरूर कुछ है लेकिन उसे ये भी पता था कि उसकी मृत्यु भी नजदीक है। वो बिना कोशिश करे मरना नहीं चाहता था। उसने उस डायरी को उठा लिया और भागने लगा। तभी उसे महसूस हुआ कि किसी अदृश्य शक्ति ने उसका गला पकड़ लिया है। कोई उस डायरी को कैटी से छीनना चाह रहा था पर कैटी ने डायरी नहीं छोड़ी।

कैटी की आंखे बाहर आने लगी थी…. आंखों से आंसू निकल गए थे। उसने भगवान को याद किया। उसे हनुमान चालीसा की कुछ पंक्तियां याद आई “भूत-प्रेत निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे…”

कैटी मन ही मन इन पंक्तियों को दोहराने लगा..उसकी गर्दन की पकड़ ढीली हो गई। तो कैटी ने जोर जोर से हनुमान चालीसा पढ़ी। अब उस अदृश्य शक्ति ने कैटी को मुक्त कर दिया। कैटी खड़ा रहने की स्थिति में भी नहीं था, लेकिन फिर भी वो जान बचाने के लिए भागा। वह हनुमान चालीसा को बार-बार दोहरा रहा था और जिस तरफ भी रास्ता दिखता, भागता। कैटी को बिलकुल अंदाजा नहीं था कि वो कहां है।

हवेली की हर चीज उस पर हमला कर रही थी….मानों वह हवेली उसे जिंदा बाहर नहीं निकलने देना चाहती हो। वह खून से लथपथ था। आखिर में कैटी भागता हुआ हवेली के पीछे बने इस शिवालय में पहुंच गया। उसने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। शिवालय में आनंद और शांति वाली ऊर्जा थी, हवेली की उस मनहूस ऊर्जा से बिल्कुल अलग।

कैटी बहुत बुरे तरीके से डर गया था। गिरने के कारण उसके घुटनो से खून बह रहा था, चेहरे पर नाखून के निशान थे, गर्दन पर नील जम गई थी। उसमे बिल्कुल भी हिम्मत नहीं बची थी। तो उसने कुछ देर राहत की सांस ली…इसके बाद उसे वो डायरी याद आई। वो डायरी अभी भी उसके पास थी।

जैसे ही, उसने डायरी का पहला पन्ना खोला, चारों और आंधी उमड़ आई। हवेली से टूट-फूट की आवाजे आने लगी। अब कैटी को यह समझने में देर नहीं लगी की उस डायरी में जरूर कुछ राज छिपा है। कैटी को पहले ही पन्ने पर एक औरत की तस्वीर मिली। यह उसी औरत की थी, जिसने डायरी लिखी थी। आप chudail ki kahani in hindi पढ़ रहे है।

डायरी लिखने वाली औरत का नाम ताराबाई था। यह शहर भी कभी बहुत बड़ा गांव था। बात उस वक्त की थी, जब तांडवनगरी में सामंती प्रथा चलती थी। ताराबाई इस गांव के जमींदार की पत्नी थी। जमींदार us गांव का सबसे अमीर आदमी था। वहीं ताराबाई भी उस पूरे इलाके की सबसे सुंदर स्त्री थी। जमींदार से जलने वाले लोगो की संख्या तो वैसे ही कम नहीं थी। ऊपर से उसका विवाह इतनी रूपवान स्त्री के साथ होने के कारण जलने वालों की सीमा ही नहीं रही।

जमींदार के शत्रु उसे मारना चाहते थे। एक दिन जमींदार किसी काम से दूसरे गांव गया। ……इससे आगे डायरी में कुछ भी नहीं था। एक अंतिम पेज पर एक लाल रंग की स्याही, जो किसी का खून था, से लिखा था ‘शिव मंदिर’। कैटी को लगा जरूर इसके पीछे कोई chudail ki kahani छिपी है।

अब कैटी को पता चल गया कि उसके यहां आने के पीछे जरूर कोई बहुत बड़ा मकसद है। शायद इस हवेली को उस डर से मुक्त करने का समय आ गया था। … उसने उसी शिवालय में कोई सुराख ढूंढने की कोशिश करी तो उसे वहां से कुछ खास नहीं मिला। लेकिन एक बहुत पुराना मंगलसूत्र जैसा कोई गले का गहना मिला। उसने वो अपनी जेब में रख लिया।

वो अब बिल्कुल भी नहीं डर रहा था। भय को उसने बहुत पीछे छोड़ दिया था। कैटी बस उस हवेली को डर को मुक्त करना चाहता था। कैटी ने शिवालय के रास्ते से ही हवेली में प्रवेश किया। कैटी के हवेली में प्रवेश करते ही उसे महसूस होने लगा कि उस पर कोई आक्रमण करने वाला है। उसने बिना डरे, जोर से आवाज लगाई “ताराबाई”

आवाज लगाते ही मानों हवेली में भूचाल आ गया हो। अचानक उसके सामने लाल साड़ी में एक जख्मी औरत प्रकट हो गई। वो रौद्र आवाज में गरज रही थी “मुझे तुम्हारी जेब से वो मंगलसूत्र लौटा दो। अन्यथा मैं सबको मार डालूंगी…..कोई नहीं बचेगा… मैं मेरा इंतकाम लूंगी।”

कैटी ने पूछा कि तुम पहले मुझे बताओ कि “उसके बाद तुम्हारे साथ क्या हुआ था? मुझे पूरी कहानी बताओ। मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा।”

ताराबाई कहती है “तो फिर सुनो, chudail ki kahani” … “उस दिन, जैसे ही शत्रुओं को पता चला कि मेरे पति गांव में नहीं है। उन्होंने हवेली के अंगरक्षकों को लालच देकर अपनी तरफ मिला लिया और हवेली में घुस गए। मैं हवेली में अकेली थी। उन्होंने मेरे के साथ बदसलूकी की और बंदी बना लिया। मेरे पति जब हवेली में वापस लौटे तो उन्हें बाहर से कुछ भी असामान्य नहीं लगा। उनके हवेली में प्रवेश करते ही अंगरक्षकों ने बाहर से दरवाजा कर दिया।” 

ताराबाई ने कुछ रुककर दोबारा शुरू किया, “अंदर जाते ही कुछ लोगो ने मेरे पति को पकड़ लिया और मेरे साथ बुरा व्यवहार करने लगे। जब मेरे पति ने विरोध किया तो उन्होंने मेरे ही मंगलसूत्र से मेरे पति का गला घोंटकर हत्या कर दी। उन सबने मुझे भी मार दिया। मरते वक्त मैंने श्राप दिया कि जब तक मैं उन सब लोगो को इसी तरह मौत के घाट न उतार दूं और मुझे मेरा मंगलसूत्र वापस नहीं मिल जाए, तब तक इस हवेली से मैं किसी को जिंदा नहीं जाने दूंगी।”

“…मेरी आत्मा इसी हवेली में रही और मैने उन सबको तड़पाकर मार दिया लेकिन मुझे मेरा मंगलसूत्र नहीं मिला। मेरा मंगलसूत्र तुम्हारे पास है। मैं विनती करती हूं कि मुझे मेरा मंगलसूत्र लौटा दो। मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगी।”

कैटी ने पूछा कि “उस डायरी में खून से शिव मंदिर किसने लिखा था।” तो ताराबाई ने बताया कि “उन शत्रुओं में से किसी एक को मारते वक्त जब मैने उनसे मंगलसूत्र के बारे में पूछा तो उसमें बोलने की शक्ति नहीं थी, इसलिए उसने इस डायरी में लिख दिया। मैने उन सबसे बदला ले लिया है। अब मुझे बस मेरा मंगलसूत्र चाहिए। उसके बाद मेरी आत्मा को शान्ति मिल जायेगी।”

कैटी ने जैसे ही वो मंगलसूत्र उस आत्मा की ओर फैंका, उसने लपककर वो अपने गले में पहन लिया। मंगलसूत्र पहनते ही ताराबाई की आकृति धुंधली होने लगी। ताराबाई ने कैटी का धन्यवाद किया और उसकी आत्मा को मुक्ति मिल गई। अब हवेली में चारों तरफ उजाला हो गया। वहां की मनहूस ऊर्जा अब शांति में तब्दील हो गई। हवेली से अब चुड़ैल का साया हट चुका था और chudail ki kahani पूरी हो गई थी।

कैटी बहुत खुश था। उसने अपना कैमरा देखा तो उसमे सब कुछ रिकॉर्ड हो रहा था, लेकिन ताराबाई उस वीडियो में नहीं दिख रही थी। वो जल्दी से अपने घर गया और अपनी टीम के साथ सबकुछ शेयर किया। टीम भी इस अनोखी chudail ki Kahani को लोगो के साथ शेयर करना चाहती थी।

लोगो ने जब वीडियो के माध्यम से chudail ki kahani देखी तो उन्होंने कैटी की खूब तारीफ करी। कैटी के वीडियो ब्लॉग के माध्यम से chudail ki kahani अब पूरी दुनिया में चर्चा का विषय थी। टीवी चैनलों पर भी केवल chudail ki kahani के चर्चे थे।

Chudail ki Kahani: भूतिया आइना

सहारनपुर नामक एक छोटा सा गांव था। सहारनपुर गांव मानव सुंदरता के लिए जाना जाता था। उस गांव में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की त्वचा बहुत सुंदर थी। उस गांव की मानव सुंदरता के साथ-साथ उस गांव के आईने भी उतने ही सुंदर और प्रसिद्ध थे। लोग दूर-दूर से सहारनपुर में आईना खरीदने के लिए आते थे। पर उस गांव में एक अजीब सा नियम था।  साधारणतः लोगो को खुद को आईने में देखना बेहद पसंद होता है, और लोग खुद को बिना आईने में देखे दिन की शुरुवात भी नही कर पाते। वहीं सहारनपुर जो खास आईने के लिए जाना जाता था, उस गांव के किसी भी घर में आईना नही था।

सहारनपुर गांव के लोग अपने घरों में आईना रखना अशुभ मानते थे। गांव वालो का मानना था कि सहारनपुर में आइने की चुडैल रहती है, जिसका नाम सविता है। वहां एक भूतिया आईना वहां के बड़े-बुजुर्गो का मानना है कि जो भी रात में आईना देखता है, वो चुड़ैल उसे अपना शिकार बना लेती है। ऐसे बहुत से लोगो की मौत आइने की वजह से हो गई थी। इसलिए डर के मारे गांव के लोगो ने घर मे आइना न रखने का नियम बना दिया था। ताकि कोई गलती से भी आईना ना देख पाए।

Chudail ki Kahani: भूतिया आइना

कुनाल, जो इसी गांव को निवासी था, उसे इन सब बातों पर विश्वास नहीं था। कुनाल को chudail ki kahani में रुचि थी, पर वो इन सब को महज chudail ki kahaniyan ही मानता था। वो अक्सर hindistories.in पर chudail ki kahani पढ़ने का मजा लेता था, लेकिन यह केवल उसके मनोरंजन का ही एक तरीका था।

एक शाम जब कुनाल hindistories.in पर एक chudail ki kahani पढ़ रहा था, तभी उसकी नजर एक खास chudail ki kahani पर पड़ती है, जिसमे उसी के गांव यानी सहारनपुर गांव के एक कुख्यात आइने का जिक्र था। कहानी में गांव की एक पुरानी हवेली में रखे एक आइने के बारे में बताया हुआ था, जिसमे कहा जाता था की एक चुड़ैल रहती है। उसमे लिखा था की जो भी रात को 1 बजे उस आईने के सामने जाकर तीन बार उस चुड़ैल का नाम लेकर उसे बुलाता था, तो वो चुड़ैल आइने से बाहर आकर उस इंसान को मार डालती थी। उसमे लिखा था की अब तक बहुत सारे लोग उस चुड़ैल का शिकार हो चुके थे।

कुनाल को ये सब पढ़ कर हंसी आती है, “ये सब बकवास है” वो खुद से कहता है “ऐसी chudail ki kahani पढ़ कर ही लोग लोगो के मन में अंधविश्वास उत्पन्न होता है। कल्पना के अलावा भूत-प्रेत कुछ नहीं होते।” कुनाल एक जिज्ञासु किस्म का इंसान था, सहारनपुर की chudail ki kahani पढ़ कर वो ठान लेता है, की वो उस हवेली में जाकर उस चुड़ैल का नाम लेगा और सभी को ये साबित कर देगा की भूत नही होते है, ये सब एक अंधविश्वास है।

उसने अगली रात होने इंतजार किया। रात के समय , जब सभी गांव वाले सो रहे थे और गांव में चारो तरफ सन्नाटा छाया हुआ था। कुनाल एक टॉर्च लेता है और उस हवेली की तरफ चल पड़ता है। वो हवेली गांव से दूर एक सुनसान रास्ते पर थी, जहां कोई भी आता जाता नही था। वो हवेली का बाहरी दृश्य देखने में बेहद डरावना था। चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ था, एक अजीब सी ठंडी हवा चल रही थी, वहां की हवा में भी कुछ अजीब सा डर का आभास था।

कुनाल अब धीरे धीरे हवेली के गेट के पास पहुंचता है, उसके गेट पर जंग लगी हुई थी। कुनाल उस दरवाजे को धकेलता है, ओर गेट को खोलते ही उसे किसी के होने का एक अजीब सा अहसास होता है।

अब वो हवेली के अंदर आ जाता है, हवेली के अंदर का दृश्य ओर भी डरावना था – दीवार पर बड़े-बड़े मकड़ी के जाले लगे हुए थे, हर जगह धूल लगी हुई थी, फर्श पर टूटे-फूटे समान के टुकड़े पड़े हुए थे, हवेली के अंदर एक अजीब सी बदबू आ रही थी। अब उसे खुद ही वहां किसी शैतानी शक्ति के होने का आभास हो रहा था। कुनाल को इन सब बातो पर विश्वास नहीं था, लेकिन अब हवेली में आने के बाद उसे एक अजीब से डर की अनुभूति होने लगी थी।

कुनाल की सांसे अब तेज हो रही थी, लेकिन उसका इरादा मजबूत था। अब कुनाल हवेली में और अंदर की तरफ बढ़ने लगता है। हवेली के अंदर इतना सन्नाटा था की कुनाल को खुद की धड़कने ओर सांस की आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

काफी देर हवेली में घूमने के बाद आखिरकार उसे वो कमरा मिल ही जाता है, जहां वो कुख्यात आईना रखा हुआ था, कुनाल कमरे के अंदर जाता है। उस कमरे में बदबू बहुत ज्यादा आ रही थी। कुनाल को अब भूत से डर लगने लगता है, उसे आज से पहले ऐसा आभास कभी नही हुआ था। उसे ऐसा लगने लगता है जैसे ये उसका आखरी समय हो, इसके बाद शायद वो वापस अपने घर नही जा पायेगा। कुनाल कमरे में पड़े उस आईने को देखने लगता है, वो आईना बहुत बड़ा और भव्य था, लेकिन उसके कोनो पर काले निशान थे।

आइने के चारो ओर अजीब आकृतियों वाली बेहद खूबसूरत नक्कासी बनी हुई थी, वो आईना सच में बेहद खूबसूरत था। आइने के आस-पास की जगह इतनी ठंडी थी कि ऐसे लग रहा था जैसे वहां किसी ने बर्फ की सिलिया रख दी हो।

कुनाल अब उस आइने में देखकर चुड़ैल को बुलाने की सोचता है, कुनाल उस आईने के सामने आकर खड़ा हो जाता है। कुनाल अपनी घड़ी की तरफ देखता है, रात के 1 बजने में अब कुछ ही मिनट बाकी थे। कुनाल लगातार अपनी घड़ी को देखता रहता है, कुनाल की जिज्ञासा अब डर में बदलने लगती है। जैसे ही 1 बजते है, कुनाल आइने की तरफ देखता है, एक घड़ी सांस लेता है और तीन बार उस चुड़ैल का नाम लेता है – “सविता….सविता….. स स सविता…..”

कुनाल की सांसे तेज होने लगती है, उसका गला सूखने लगता था,जैसे ही कुनाल तीसरी बार चुड़ैल का नाम लेता है, कमरे का तापमान और भी ठंडा हो जाता है। कुनाल का डर अब ओर भी बढ़ जाता है। आइने का कांच धीरे-धीरे धुंधला होने लगता है, ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने चारो तरफ धुआं फैला दिया हो। कुनाल को आईने की पीछे कुछ हिलता हुआ लगता है, आइने के साथ-साथ उस कमरे में पड़ी हर चीज जोर जोर से हिलने लगती है, कुनाल डर के इधर-उधर देखने लगता है, वो आइने से धीरे-धीरे पीछे हटने लगता है।

तभी वो लड़खड़ा कर गिर जाता है, अब कुनाल की आंखे बड़ी हो गई थी। कुनाल का शरीर कांपने लगा, ऐसा लग रहा था जैसे उसने कुछ बेहद खौफनाक चीज देख ली हो…. कुनाल को आईने में एक काला साया नजर आने लगा, जो एक महिला का था, वो वही आईने की चुडैल थी जो धीरे-धीरे आइने से बाहर आ रही थी। 

उसकी आंखे लाल थी, बाल बिखरे हुए थे, चेहरा बहुत ही डरावना था। वो धीरे-धीरे कुनाल की तरफ बढ़ने लगी, कुनाल वहां से भागना चाहता था, पर उसने कुनाल के पैरो को जकड़ लिया था।  उसने कुनाल को देखा, और अपने तीखे नाखून लम्बे किए और कुनाल की गर्दन को चीर दिया और उसे मार डाला।

अब सारे गांव में कुनाल की मौत की खबर आग की तरह फैल गई थी, क्योंकि कुनाल की लाश भी बाकी लोगो की तरह हवेली के बाहर मिली थी। कुनाल की पत्नी, सुनैना जो एक साहसी और मजबूत इरादों वाली औरत थी, उसे कुनाल की मौत की खबर ने हिला कर रख दिया था। वो भागती हुई आती है ओर कुनाल की लाश देखती है। सुनैना कुनाल की मौत से बहुत बुरी तरह से टूट जाती है। गांव के सभी लोग सुनैना को सांत्वना देते है और कहते है की “होनी को कौन टाल सकता है।” आप chudail ki kahani in hindi पढ़ रहे हो। 

गांव वालो का कहना था कि उस भूतिया आइने की वजह से कुनाल की भी मौत हो गई। सुनैना भी अपने तर्कसंगत और वैज्ञानिक नजरिए की वजह से भूत-प्रेत पर विश्वास नही करती थी।सुनैना इन सब बातो को सुनती है, सुनैना जो पेशे से एक वकील थी, उसे गांव वालो की बातो पर यकीन नही होता है। वो अपने पति की मौत की सच्चाई जानने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी।

अब सुनैना ने भी कुनाल की तरह उस हवेली में जाने का ठान लिया था, और अपने पति की मौत का रहस्य सुलझाने की कसम खा ली थी। कुनाल की मौत के कुछ दिनो बाद सुनैना भी उसी रास्ते से होती हुई हवेली की तरफ जाती है, जहां से कुनाल गया था। सुनैना दिल से मजबूत थी, पर हवेली की तरफ जाने वाला वो सुनसान भयानक रास्ता उसे भी डरा रहा था, पर अपने पति की मौत से टूट चुकी सुनैना को अब कोई भी दूसरी चीज तोड़ नही सकती थी।

सुनैना के हवेली में कदम रखते ही उसे एक अजीब सा अहसास हुआ जैसे उसे कोई देख रहा हो। अब सुनैना धीरे-धीरे हवेली में आगे बढ़ती है, और उस chudail ki kahani में जिक्र वाले कमरे की तरफ जाती है, सुनैना उस भूतिया आईने वाले कमरे के अंदर आती है। उसे भी कुनाल की तरह डर लगने लगता है। अब वो उस भूतिया आइने के सामने खड़ी होकर ठीक उसी तरह चुड़ैल को बुलाती है जैसे कुनाल ने बुलाया था, सुनैना तीन बार चुड़ैल का नाम लेती है- “सविता… सविता….सविता”

सुनैना ने जैसे ही सविता को बुलाया वो ठीक उसी तरह सुनैना के सामने आती है जैसे वो कुनाल के सामने आई थी, चुड़ैल सुनैना को देखकर एक भयानक हंसी में हंसती है और कहती है “तुमने मुझे बुलाया है, अब तुम यहां से जिंदा वापस नही जा पाओगी।” सुनैना उसे देख कर एक बार के लिए डर जाती है।

लेकिन वो अपने पति को खोने के बाद अब उसे किसी और चीज को खोने का डर नहीं होता है, तो वो चुडैल की तरफ देखती है, और कहती है “तुम कौन हो? तुमने मेरे पति को क्यों मारा? तुम क्यों मासूम लोगों को मार रही हो?” सुनैना की आवाज में दर्द था।

चुडैल सुनैना की दर्द भरी आवाज सुनती है और कहती है “अब पता लगा तुम लोगों को की दर्द क्या होता है। तुम जानना चाहती हो मैं कौन हूं, ठीक है बताती हूं…………मैं भी तुम्हारी ही तरह इसी गांव की रहने वाली थी। मैं इस गांव की सबसे सुंदर लड़की थी। इस गांव के आइने जितने प्रसिद्ध थे उससे ज्यादा लोग मेरी सुंदरता के दीवाने थे, मेरी सुंदरता की वजह से मेरे बहुत सारे दोस्त थे और सभी मुझसे बहुत अच्छे से बात करते थे।”

“हर इंसान मुझे पाना चाहता था…..मुझे खुद को आइने में देखना बहुत पसंद था, पर मुझे कभी नहीं लगा था कि ये सुंदरता एक दिन मेरे लिए श्राप बन जायेगी……….. एक दिन एक सबसे बड़े अमीर लड़के ने मुझे कहा की वो मुझसे प्यार करता है, और उसने मुझे ये आइना भेंट किया, ये आइना बेहद खूबसूरत था। पर मैं उससे प्यार नही करती थी, मैने उसे मना कर दिया। उसे अपने आप पर अमीर होने का इतना घमंड था कि उसने मुझसे कहा की वो मेरी सुंदरता छीन लेगा। वो मेरी ना को बर्दाश्त नही कर पाया और उसने मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की ओर मेरे चहरे पर तेजाब डाल दिया।”

“उस दिन के बाद जो लोग मेरे सुंदरता की वजह से मेरे साथ थे उन सभी ने मुझे छोड़ दिया और मैं कभी खुद को आईने में नही देख पाई, लोगो ने मुझे ही गलत कहा और किसी ने भी मेरा साथ नहीं दिया। तब मैने खुद को खत्म कर लिया पर मेरी आत्मा को मुक्ति नही मिल पाई और में इस आईने में रह गई। अब मैं किसी को नही छोडूंगी सभी मरेंगे। मैं सब से बदला लूंगी।”

सुनैना को चुडैल की बाते सुनकर बेहद दुःख  होता है, उसके मन में गुस्से का तूफान उमड़ गया, उसने ठान लिया की वो सविता को इंसाफ दिलाएगी ओर लोगो का नजरिया बदल के रहेगी, “मैं जानती हूं तुम्हारे साथ जो भी हुआ वो गलत था, तुम्हे इंसाफ मिलेगा, मैं एक वकील हू, में तुम्हे इंसाफ दिलाऊंगी, पर तुम्हें ये समझना होगा कि तुम किसी को मार कर सही नहीं कर रही हो। जिनको तुमने मारा है वो सब बेगुनाह है जिसमे मेरा पति भी था, तुम किसी और के किए की सजा किसी और को नही दे सकती हो।”

सविता सुनैना की बाते सुनकर बेहद शर्मिंदा होती है, वो सुनैना से कहती है “मुझे माफ कर दो। मैं बदले की भावना में ये भूल गई थी की मैं गलत कर रही हूं। मैं चाह कर भी तुम्हारे पति को वापस नही ला सकती हूं।” सुनैना की आंखे नम हो जाती है, पर वो सविता से कहती है की “मैं वादा करती हूं कि मैं तुम्हारे गुनाहगार को सजा दिलवा कर रहूंगी, पर अब तुम्हे इस संसार से जाना होगा, तुम्हारी मुक्ति का समय आ गया है।”

सविता सुनैना की बातो से सहमत होती है। सुनैना, सविता को मुक्ति देने के लिए उस आईने को तोड़ देती है, और उसे जला देती है, आग की लपटों के साथ सविता की आत्मा को शांति मिल जाती है। वो अब पूरी तरह गायब हो जाती है। सुरज की पहली किरण के साथ सुनैना हवेली से बाहर निकलती है और गांव वापस चली जाती है।

सुनैना अपनी वकालत के ज्ञान का इस्तेमाल किया और सविता के अपराधियों को सजा दिलवाई। सुनैना ने गांव वालो को और समाज में सभी लोगो को chudail ki kahani सुनाई ओर ये समझाया की, “जब एक औरत या लड़की किसी को ना कहती है, तो उसकी ना का मतलब ना ही होता है। कोई भी पुरूष किसी महिला की ना को बर्दाश्त कर पाता है, वो अपने आप को सबसे बड़ा मानता है।”

“ये सोचता है कि यदि किसी महिला ने उसे ना कहा तो ये उसका अपमान है। हमे हमारे घर पर शुरुआती तौर पर ही हमारे बच्चो को ये शिक्षा देनी चाहिए कि किसी महिला का सम्मान कैसे किया जाता है हमे ये सोच बदलनी होगी की अगर किसी महिला के साथ गलत हुआ है तो ये उसकी गलती है। पीड़िता की तरफ हमारा रवैया ही उसे जीने या मरने की उम्मीद देता है, इसलिए अच्छा बरताव करना जरूरी है। आज सविता थी कल कोई और भी हो सकती है। हमे हमारी सोच बदलनी होगी। और सच्ची सुंदरता चहरे से नही हमारी सोच और व्यवहार से होती है।”

गांव वाले सुनैना की बात सुनकर बेहद शर्मिंदा होते है, ओर वो सब सविता की आत्मा से माफी मांगते है। वे लोग सविता की आत्मा की शांति के लिए गांव में पूजा करवाते है। गांव वाले अपने आईनों पर अब सविता का नाम लिखते है। अब सहारनपुर गांव के आइने सविता का आइना नाम से प्रसिद्ध है। गांव वाले सविता की याद में गांव में एक स्मारक भी बनवाते है। ओर सभी गांव वाले शपथ लेते है की वो अपने लड़को को महिलाओं का आदर करना सिखाएंगे।

सुनैना भी अब गांव में महिलाओं के हक के लिए लड़ती है। वो समाज में जागरूकता लाने के लिए काफी कोशिश कर रही है। उसने सविता फाउंडेशन भी बनाया है, जो महिलाओं और लड़कियों की मदद करता है। यह सविता की chudail ki kahani अब गांव वालो के लिए अब प्रेरणा बन गई थी।

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