जंगल की नैतिक कहानी- जादुई जंगल के आदर्श

कहानी सिर्फ शब्दों का संग्रह नहीं होता बल्कि उसमें छिपी शिक्षाएं हमें जीवन जीने का ढंग सिखा देती है। आज हम आपके लिए एक ऐसी ही कहानी लेकर आए हैं, जिसका नाम है- “जंगल की नैतिक कहानी- जादुई जंगल के आदर्श”।

जादुई जंगल के आदर्श (जंगल की नैतिक कहानी) हमें पेड़-पौधों के प्रति हमारे कर्तव्यों को याद दिलाती है। यह कहानी एक जादुई जंगल की कहानी है जिसमें जंगल के कुछ नैतिक होते हैं। यदि कोई जंगल के उन नैतिकताओं की अवहेलना करता है तो जंगल उसे सजा देता है। जंगल की नैतिक कहानी में जानिए कि उस जादुई जंगल के नैतिक क्या-क्या है और क्या कोई उनकी अवहेलना कर पाता है? आइए पढ़ते हैं जादुई जंगल के आदर्श (जंगल की नैतिक कहानी)-

जंगल की नैतिक कहानी भाग-1

एक भगतपुर नामक एक गांव था। वह गांव देखने में बेहद खूबसूरत था। भगतपुर गांव एक सम्पूर्ण गांव था। उस गांव में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं थी। इस गांव की सुंदरता और परिपूर्णता का कारण गांव के पास बसा हुआ जंगल था। वह जंगल बेहद बड़ा, घना और सुंदर था। वह जंगल कोई मामूली जंगल नहीं था, वह एक जादुई जंगल था।

भगतपुर गांव को जंगल का वरदान मिला हुआ था। एक बार एक अभिमानी राजा ने उस जंगल से अपने लिए वरदान मांगा था, परन्तु जंगल ने उसे वरदान देने से इनकार कर दिया था। क्योंकि जंगल के अपने कुछ नैतिक थे, जिन्हें उस राजा ने स्वीकार नहीं किया।

राजा ने गुस्से में आकर उस जंगल को नष्ट करना चाहा, परन्तु उस गांव के लोगों ने जंगल को नष्ट होने से बचाया था। इसलिए उस जादुई जंगल ने उन्हें वरदान दिया था, की उनके गांव में कभी भी किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी। परंतु जंगल ने गांव वालों को ये भी कहा था कि यदि वे जंगल के नैतिक को तोड़ते हैं, तो जंगल उसी वक्त उनसे सब कुछ छीन लेगा।

गांव वालों ने जंगल को वादा किया कि वे कभी भी जंगल के नैतिक नहीं तोड़ेंगे। तब से भगतपुर गांव के सभी लोग जंगल के नैतिक का पालन कर रहे हैं, और जंगल उनकी मदद कर रहा है।

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उस गांव को जंगल की वजह से लकड़ियां, फल, फूल, सब्जियां सब मिलता हैं। जंगल की वजह से उन्हें शुद्ध वातारण, अच्छी बारिश, अच्छा मौसम और अच्छी फसलें मिलती हैं। जंगल से उन्हें काफी औषधियाँ भी मिलती हैं। जंगल उनकी सभी बुरी चीजों से रक्षा भी करता हैं। जंगल की नैतिक कहानी नाम से ही स्पष्ट है कि यह कहानी जंगल के आदर्शों की है।

जंगल से मिले वरदान की वजह से भगतपुर गांव के लोग एक शुद्ध, खुशहाल और समूर्ण जीवन जी रहे हैं। उस जंगल की वजह से भगतपुर गांव बेहद खूबसूरत बन गया है।

गांव और जंगल के बीच एक नदी हैं और उस नदी को पार नहीं किया जा सकता जब तक जंगल उन्हें अनुमति ना दे। जब भी गांव वालों को कुछ भी चाहिए होता हैं वे लोग जंगल के पास जाकर उन्हें अपनी मांग बताते है और यदि जंगल को वो मांग नैतिक लगती है तो वह उनके लिए एक पुल बना देता है, जिससे वे जंगल में आ सके।

जंगल के कुछ नैतिक थे, वे कुछ इस प्रकार थे:            जंगल को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा। जंगल से फूल तोड़ना मना हैं। जो फूल नीचे गिरे हो या जंगल उन्हें दे, वही वे लेकर जा सकते हैं। जंगल से लकड़ियां लेने के लिए कोई भी पेड़ नहीं कटेगा। जंगल उन्हें अपने आप लकड़ियां देगा। जंगल से किसी भी प्रकार की नशीली दवाओं के लिए कोई भी चीज नहीं लेकर जाएगा। यदि कोई भी जंगल को अपने फायदे के लिए हानि पहुंचाएगा तो जंगल उसे अपने नैतिक के खिलाफ मानकर उसे सजा देगा।

यदि कोई भी जंगल से प्राप्त चीज़ों को गलत कामों के लिए उपयोग में लेगा तो जंगल उसे भी अपने नैतिक के खिलाफ मानेगा और उन्हें सजा देगा। जंगल केवल अच्छे और नेक लोगों और कामों के लिए ही तैयार रहेगा।

भगतपुर गांव के लोग जंगल के नैतिक से भलीभांति वाकिफ थे। उन्होंने कभी भी जंगल के नैतिक की अवहेलना नहीं की थी। आज जंगल और भगतपुर गांव को एक साथ चलते हुए काफी साल बीत चुके थे। सभी लोग ये अच्छे से जानते थे कि भगतपुर गांव जंगल के बिना अधूरा हैं।

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उस गांव में एक २५ साल का लड़का रहता था। उसका नाम था सोहम। सोहम एक बड़ा और अमीर व्यक्ति बनना चाहता था। सोहम दवाई के बारे मे पढ़ाई कर रहा था। सोहम का एक दोस्त था, जो भगतपुर गांव से नहीं था। वो सोहम के गांव की सुंदरता से जलता था। उसने सोहम की इच्छा का पता चल गया था।

वह अब सोहम का एक अच्छा दोस्त बन चुका था। उसने भगतपुर गांव के बारे में भी पता लगा लिया था। अब वो धीरे धीरे सोहम के मन में लालच पैदा करने लगा। उसने सोहम को कहा कि अगर वो अमीर और बड़ा इंसान बनना चाहता है तो वो कभी भी नहीं बन पाएगा।

जंगल की नैतिक कहानी भाग-2

सोहम को उसकी बातों पर हैरानी होती है, वह उससे पूछता है कि वो ऐसा क्यों कह रहा है? उसका दोस्त उसे कहता है कि अगर तुम्हे अमीर बनना है तो तुम्हे एक काम करना पड़ेगा। सोहम उससे पूछता है कैसा काम? उसका दोस्त उसे बताता है कि हम एक नई दवाई बनाएंगे जिसे कोई भी बना सकता हैं, फिर उसे बेचकर हम अमीर हो जाएंगे।

सोहम के मन में लालच आ जाता है और वो उसकी बात मान लेता है। सोहम उसे पूछता है की उसे क्या करना होगा? सोहम का दोस्त उसे कहता है कि हमे कुछ खास चीजों की जरूरत पड़ेगी इसे बनाने के लिए जो सिर्फ तुम ला सकते हो। अगर तुम सच में अमीर होना चाहते हो तो तुम्हें अपने गांव के पास वाले जंगल से कुछ नशीली चीजें लानी पड़ेगी जिससे हम दवा बना सके।

सोहम को जंगल के नैतिक पता थे। सोहम अपने दोस्त को ये सब करने से मना कर देता है। वो उसे बताता है कि ये सब जंगल के नैतिक के खिलाफ है, वो यदि ऐसा करेगा तो उनके गांव को मिला हुआ वरदान जंगल वापस ले लेगा। सोहम का दोस्त उसे कहता है कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा। जंगल तुम्हारे लिए काम करता है क्योंकि तुम लोगों ने जंगल को नष्ट होने से बचाया था। मैं अगर तुम्हारी जगह होता तो मैं ये मौका नहीं छोड़ता। वो सोहम को ये कहकर वहां से चला जाता हैं।

सोहम बहुत सोचता है और आखिरकार लालच उसे नहीं छोड़ता है। वो अगले दिन जंगल के पास जाता हैं और उसे बताता है कि उसे कुछ चीजों की जरूरत है। सोहम जंगल से झूठ बोलता है और जंगल को लगता है सोहम को कुछ दैनिक चीजों की जरूरत है, इसलिए जंगल उसे अंदर आने की अनुमति दे देता है।

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सोहम अंदर जाकर पहले कुछ फल और फूल लेता हैं। फिर सोहम जंगल की अनुमति के बिना वहां की नशीली दवाओं को जबरदस्ती ताड़ने की कोशिश करता हैं। जंगल को अब समझ आ जाता हैं कि सोहम ने जंगल के नैतिक तोड़ने की कोशिश की है। जंगल सोहम को तुरंत जंगल से बाहर फेंक देता है। सभी गांव वाले हैरान रह जाते है।

जंगल गांव वालों से कहता है कि सोहम ने जंगल के नैतिक की अवहेलना की है, इसलिए आज से जंगल अपना दिया हुआ वरदान और सारी चीजें वापस लेता हैं। आज के बाद जंगल गांव वालों की कोई मदद नहीं करेगा। ये कहकर जंगल के आगे घना कोहरा छा जाता हैं और जंगल गायब हो जाता हैं। (जंगल की नैतिक कहानी)

सभी गांव वाले परेशान हो जाते है, और सोहम को सभी गांव वालों से सुनना पड़ता हैं। गांव वाले जंगल से बात करने की कोशिश करते हैं लेकिन जंगल उन्हें कोई जवाब नहीं देता है। धीरे-धीरे गांव की हालात खराब होने लगती हैं। गांव की सभी फसलें खराब होने लगती है। गांव की सुंदरता, शुद्धता खत्म हो चुकी थी। गांव में अकाल की परिस्थितियाँ बनने लगी थी। गांव वाले चिंतित थे कि अब वे क्या करेंगे।

सोहम को बुरा लगने लगता हैं। सोहम अपने गांव वालों की मदद करना चाहता था। वह अपने दोस्त से बात करता हैं और उससे मदद मांगता हैं। लेकिन उसका दोस्त उस पर हँसने लगता हैं और उसे नीचा दिखाता हैं।

वह सोहम से कहता है कि वह सोहम के गांव से जंगल का वरदान छीनना चाहता था, इसलिए उसने जान पूछकर सोहम को लालच दिखाया और उससे ये सब करवाया। अब उसका मकसद पूरा हो चुका है, वे दोनों कभी दोस्त थे ही नहीं।

अब सोहम को ये समझ आ गया था कि उसने लालच में आकर एक बहुत बड़ी गलती कर दी है। अब सारा गांव उसकी गलती की सजा भुगत रहा है। अब उसे ही कुछ करना होगा।

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सोहम अगले दिन से हर जगह जाकर पेड़ लगाता है, उसने अब जंगल के नैतिक को अपने जीवन का नैतिक बना लिया था। उसने धीरे धीरे बहुत से जंगलों को नष्ट होने से बचाया था। उसने लोगों को जागरूक भी बनाया, उन्हें जंगल की रक्षा करने का और उसका दुरुपयोग न करने के लिए कहा।

सोहम अब पूर्णतः जंगल के प्रति समर्पित हो चुका था। अब काफी समय बीत चुका था, सोहम को लगने लगा कि यही सही समय हैं जंगल से माफी मांगने का। सोहम जंगल के पास जाता हैं और जंगल का आवाहन करता हैं। वह जंगल से सच्चे दिल से माफी मांगता हैं और उसने जो पश्चाताप किया उसके बारे में बताता है।

वह जंगल से कहता हैं कि उसने लालच में आकर एक बहुत बड़ी गलती कर दी है। वह जंगल से एक मौका ओर चाहता है और जंगल से वादा करता है कि वो जंगल के नैतिक को अपने जीवन का नैतिक चुका है। वह जंगल के नैतिक को किसी को भी तोड़ने नहीं देगा और न केवल इस जंगल की रक्षा करेगा बल्कि वह सभी जंगलों को नष्ट होने से बचाएगा और उनकी रक्षा करेगा।

जंगल को सोहम की सच्चे दिल से किए पश्चाताप और माफी से काफी खुशी मिलती हैं। जंगल सोहम की माफी स्वीकार कर लेता है और सभी गांव वालों को फिर से जंगल का वरदान मिल जाता हैं। धीरे-धीरे जंगल से सारा कोहरा साफ हो जाता है और गांव वालों को जंगल दिखने लगता हैं। धीरे-धीरे जंगल के वरदान से सारा गांव फिर से हरा भरा खुशहाल हो जाता हैं।

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गांव की सुंदरता, शुद्धता और परिपूर्णता वापस आ जाती हैं। सभी लोग खुशी खुशी रहा लगते हैं और वे जंगल के नैतिक को अपने जीवन का नैतिक बना लेते है। सोहम अब हर जंगल को नष्ट होने से बचाने  मुहिम चलाता है तथा अच्छाई और सच्चाई के मार्ग पर चलता है।

जंगल की नैतिक कहानी से शिक्षा (Moral of the story)

जादुई जंगल के आदर्श (जंगल की नैतिक कहानी) से हमें निम्न शिक्षाएं मिलती हैं-

  1. हमें लालच के वशीभूत होकर कभी भी गलत काम करना चाहिए। समय आने पर हमें गलत कामों के गलत ही परिणाम भोगने होंगे।
  2. हमे अच्छाई और सच्चाई के मार्ग पर चलना चाहिए। जंगल की नैतिक कहानी में सोहम एक बार सच्चाई और अच्छाई के मार्ग से भटका लेकिन बाद में उसने अच्छाई का मार्ग ही अपनाया।
  3. हमारे अस्तित्व का आधार प्रकृति है इसलिए हमे प्रकृति को नष्ट होने से बचाना चाहिए और उसकी रक्षा का प्रण लेना चाहिए।।

जंगल की नैतिक कहानी- जादुई जंगल के आदर्श को पूरा पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया दोस्तों! आशा करती हूं कि आपको जंगल की नैतिक कहानी अच्छी लगी होगी। जंगल की नैतिक कहानी के बारे में अपने विचार कमेन्ट बॉक्स में हमारे साथ शेयर जरूर करें।

 

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