नमस्कार! आज के इस लेख में हम आपके लिए चतुर किसान और जादुई बीज हिंदी कहानी (Chatur Kisan aur Jadue Beej) लेकर हैं। यह बहुत ही प्रेरणादायक हिंदी कहानी हैं। चित्रों के माध्यम से कहानी और भी जीवंत हो जाती है। चतुर किसान और जादुई बीज हिंदी कहानी को भी हमने बहुत सारे चित्रों के उपयोग जीवंत बनाने का प्रयास किया है।
आपके बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा वाली कहानियाँ बेहतरीन होती है। ऐसी कहानियां बच्चों के व्यवहार पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। चतुर किसान और जादुई बीज (Chatur Kisan aur Jadue Beej) में भी बहुत सारी शिक्षा निहित है, जो आपके विचारों पर को सकारात्मक रूप से बदलने का काम करेगी। आइए पढ़ते हैं चतुर किसान और जादुई बीज (Chatur Kisan aur Jadue Beej Kahani)-
चतुर किसान और जादुई बीज । Hindi Moral Stories with pictures । Chatur Kisan aur Jadue Beej
एक बार एक सुन्दरगढ़ नामक एक गांव था। वह गांव देखने में बेहद विशाल व खुबसुरत था। उस गांव में चारों तरफ हरियाली थी। हरे भरे लहराते खेत थे। इनकी वजह से गांव में एक शुद्ध वातारण था। उस गांव में अधिकतर लोग कृषि करते थे। वह एक कृषि प्रधान गांव था।
उस गांव में रघुनाथ नामक एक किसान रहता था। रघुनाथ को सभी गांव वाले चतुर किसान कहते थे। क्योंकि रघुनाथ बेहद होशियार था। रघुनाथ बेहद मेहनती व ईमानदार किसान था। रघुनाथ की चतुराई के बारे में सारे गांव वाले जानते थे।
रघुनाथ पहले बेहद गरीब था। एक बार रघुनाथ को कृषि करने के लिए जमीन खरीदनी थी। परंतु उसके पास इतने पैसे नहीं थे। तो रघुनाथ ने एक अकृषि बंजर जगह को खरीद लिया था। उस जगह पर खेती करना बेहद मुश्किल था। शुरुआत में सभी गांव वाले उस पर हंसे और उसे एक बेवकूफ किसान कहा।
सभी गांव वाले जानते थे कि वहां की जगह केवल १% उपजाऊ हैं और वहां खेती करना मुश्किल है। परंतु रघुनाथ ने अपनी चतुराई और मेहनत से उस बंजर जमीन को उपजाऊ बना दिया और वहां खेती की।
उसने उस जगह पर खेती करके बेहद अच्छी फसल उगाई और उसे उच्च दामों पर बेचा। उसे उससे बेहद मुनाफा हुआ। जहां सभी ने उसे केवल ९९% बंजर जमीन देखा वही रघुनाथ ने उसे १% उपजाऊ जमीन देख कर अपनी मेहनत और चतुराई से वहां खेती भी की। उसकी उस चतुराई के कारण सभी गांव वाले उसे बेहद होशियार व चतुर किसान मानते थे।
जब भी गांव वालो को कृषि हेतु कोई सहायता की या सलाह की जरूरत होती तो वे रघुनाथ के पास ही आते। और रघुनाथ की सलाह से उनकी समस्या दूर हो जाती थी। रघुनाथ का पूरे गांव में काफी नाम था। सभी लोग उसकी बेहद इज्जत करते थे।
एक बार रघुनाथ अपनी नई फसल के लिए बीज खरीदने बाजार जा रहा था। रघुनाथ ये सोच कर जाता है कि वो अच्छे से अच्छे बीज खरीदेगा और हर साल की तरह वह इस साल भी सबसे अधिक मुनाफा करेगा। और उसे जो भी मुनाफा होगा उससे वह अपने दोस्त की बेटी की शादी में मदद करेगा। उसकी इसी ईमानदारी और साफ दिली की वजह से उसकी फसल हर बार सबसे अच्छी होती थी। और वो दूसरों की सहायता भी कर पाता था।
जब रघुनाथ बाजार जाता है तो वहां पर वो हर बीज को अच्छे से देखता परखता है। वो काफी दुकानों पर जाता है और बीज का निरीक्षण करता है। काफी देर देखने के बाद आखिरकार उसे एक दुकान पर बीज अच्छे लगते है, वो वह बीज खरीद लेता है।
फिर जब रघुनाथ वापस लौट रहा होता है तो उसे गांव के रास्ते पर एक बूढ़ा आदमी दिखाई देता है, जो काफी बेहोशी की हालत में होता है। कोई भी उस आदमी की मदद नहीं कर रहा था। लोग उसे देख कर आगे बढ़ते जा रहें थे। जैसे उन्हे कोई चिंता ही न हो।
रघुनाथ ये सब देख कर बेहद दुःखी होता है। वह उस आदमी के पास जाता है और उसे पानी पिलाता है । रघुनाथ उसे उठाता है और उससे पूछता है कि वो कौन है?
वह बूढ़ा आदमी उससे कहता है कि, “बेटा में एक साधु हूं। मैं बहुत देर से चल रहा था, यहां आस-पास पानी की कोई व्यवस्था नही है। मुझे पानी की तलाश थी, पानी न मिलने से मुझे चक्कर आने लगे। यहां से काफी लोग आ जा रहे हैं, परन्तु किसी ने भी मेरी मदद नहीं की। तुमने मुझे पानी पिलाया मेरी मदद की, तुम एक भले इंसान लगते हो। बेटा तुम क्या करते हो?”
रघुनाथ ने जवाब दिया, “मैं एक किसान हूं, अभी अपनी फसल के लिए बीज लेकर आया हूं।” बूढ़ा आदमी उससे कहता है, “बेटा, मेरे पास तुम्हे देने के लिए कुछ भी नहीं है। तुम एक किसान हो, तो तुम एक बीज ले लो।” साधु अपने झोले से एक बीज निकालता है और उसे दे देता है।
रघुनाथ वो बीज लेने से मना कर देता है। साधू उससे कहता है,” बेटा, ये कोई मामूली बीज नहीं है, ये एक जादुई बीज हैं। तुम एक भले इंसान लगते हों और तुमने मेरी मदद की इसलिए मैं तुम्हे ये बीज दे रहा हूं। इसे रख लो, तुम मना करोगे तो मुझे लगेगा तुम मेरा अपमान कर रहे हो।”
रघुनाथ उसकी बात मानकर वो बीज उससे ले लेता है। रघुनाथ उससे कहता है कि वो कहीं जाना चाहता है, तो वो साधू को वहां छोड़ देगा। परन्तु साधू उसे मना कर देता है।
साधू रघुनाथ से वहां से जाने से पहले कहता है, “बेटा, ये बीज जादूई है। इसे एक बार बोन पर एक दिन में सारी जमीन पर फसल हो जाती है। फसल होने पर तुम इसे उसी जगह से वापस निकाल सकते हो और इसका पुनः उपयोग कर सकते हो। परन्तु ये बीज तुम्हारे मन की भावनाएं पढ़ लेता है, तुम इसे यदि अच्छे काम के लिए उपयोग में लोगे तो ये तुम्हें फल देगा। जिस दिन तुम्हारे मन में लालच आ गया ये उसी दिन गायब हो जाएगा।”
रघुनाथ को साधू की बातों पर यकीन नहीं होता हैं, परन्तु वह उसका मान रखने के लिए उस बीज को अपना लेता हैं। इसके बाद साधू अपने रास्ते पर आगे बढ़ जाता है और रघुनाथ वापस घर आ जाता है। वो घर आकर उस बीज को संभाल कर रख देता है।
रघुनाथ अगले दिन बाजार से लाए बीजों को बोने चला जाता है। वह उन बीजों को वैसे ही चतुराई और मेहनत के साथ बोता हैं, जैसे वो हर बार करता था। रघुनाथ हर रोज अपनी फसल का ध्यान रख रहा था। रघुनाथ को लग रहा था कि फ़सल हर बार की तरह अच्छी ही होगी।
रघुनाथ उससे होने वाले मुनाफे से अपने दोस्त की बेटी की शादी करवाने वाला था। परन्तु जब कटाई का दिन नजदीक आ रहा था तो रघुनाथ को अंदाजा भी नहीं था कि क्या होने वाला है। रघुनाथ जब कटाई के दिन अपने खेत पहुंचता है, तो वो देखता है कि उसकी पूरी फसल खराब हो चुकी है।
रघुनाथ ये सब देखकर बेहद परेशान हो जाता है। वो सोचने लगता है कि अब वो कैसे इस परेशानी से बाहर निकलेगा। अब फसल को बेचने का समय नजदीक आ चुका है और अब वो कैसे अपने दोस्त की मदद करेगा। रघुनाथ निराश होकर घर पर वापस आ जाता है। उसकी सारी फसल खराब हो चुकी थी और ये सब उन बाजार से लाए बीजों की वजह से होता हैं।
जब रघुनाथ उन बचे हुए बीजों को देखता है तो वो समझ जाता है कि, उस दुकानदार ने बीज बदल दिए थे। रघुनाथ सारी रात बैठकर सोचता रहता है कि अब वो क्या करे। सोचते-सोचते सुबह के ३ बज चुके थे। तभी रघुनाथ को साधू का दिया हुआ बीज याद आता है।
रघुनाथ इन सब बातों पर बिल्कुल विश्वास नहीं करता था, परन्तु उसके पास इसके अलावा ओर कोई रास्ता नहीं था। वो उसी वक्त अपने खेत जाता है और वहां जाकर वो जादुई बीज बो देता है। फिर वो घर पर आ जाता है। सभी गांव वालों को लगता है कि रघुनाथ की फसल खराब हो चुकी है और वो इस साल मुनाफा नहीं कर पाएगा।
अगले दिन रघुनाथ और सभी गांव वाले देखते हैं तो रघुनाथ के खेत हरे भरे लहरा रहे थे। सभी लोगों को विश्वास नहीं होता कि ये सब कैसे हो गया। रघुनाथ उसे देखकर काफी खुश होता है और वो अपनी फसल काटकर उसे बेच देता है । रघुनाथ उस बीज को वहां से निकाल लेता हैं और उसे फसल से हर बार से भी ज्यादा मुनाफा होता है।
वो उस मुनाफे से बेहद खुश होता है और उससे वो अपने दोस्त की बेटी की शादी में मदद करता हैं । उसका दोस्त उसे धन्यवाद करता है और वो बेहद खुश होता हैं।
रघुनाथ की पत्नी को भी इन सब से बेहद आश्चर्य होता हैं। वह रघुनाथ से पूछती है कि उसने ये सब कैसे किया। रघुनाथ अपनी पत्नी को उस जादुई बीज (चतुर किसान और जादुई बीज हिंदी कहानी) के बारे में बता देता है। रघुनाथ अपनी पत्नी से बात करने के बाद सो जाता है।
रघुनाथ की पत्नी के मन में लालच आता है और वो उस बीज को लेती है और उसे बोने चली जाती हैं। उसे बोते वक्त उसके मन में लालच की भावना होती है। वो उसे बोकर वहां से चली जाती है। अगले दिन जब रघुनाथ बीज खोजने की कोशिश करता है तो उसे पूरे घर में वह बीज नहीं मिलता है।
रघुनाथ अपनी पत्नी से पूछता है तो उसकी पत्नी उसे बताती हैं कि वो उस बीज को खेत में बोकर आई है। रघुनाथ उससे पूछता है कि उसने ऐसा क्यों किया? रघुनाथ की पत्नी उसे कहती हैं कि उस फसल से वो अपने लिए महंगा सामान खरीदेगी। रघुनाथ अपनी पत्नी की बातें सुनकर उसे कहता है कि जादुई बीज को लालच की भावना से बोने पर वो गायब हो जाएगा।
रघुनाथ और उसकी पत्नी तुरंत खेत की तरफ जाते हैं, पर उन्हें खेत में वो बीज नहीं मिलता है। वो बीज गायब हो जाता हैं। रघुनाथ की पत्नी उदास हो जाती हैं लेकिन रघुनाथ बीज के गायब होने पर खुश होता हैं।
रघुनाथ अपनी पत्नी से कहता है कि वह और मेहनत करेगा और उसे वो सब लाकर देगा जो उसे चाहिए। लेकिन बिना मेहनत के या आसान रास्ते से मिली खुशी उन्हें ज्यादा देर तक खुश नहीं रख सकती हैं और लालच एक बुरी बला है।
चतुर किसान और जादुई बीज कहानी से शिक्षा
चतुर किसान और जादुई बीज (Chatur Kisan aur Jadue Beej Kahani) से हमे ये शिक्षा मिलती है कि यदि हम सच्चे, ईमानदार और मेहनत करते हैं तो भगवान भी हमारी सहायता करते है। दूसरों की भलाई के लिए किया गया काम जरूर सफल होता है। परंतु यदि हम लालच की भावना से कोई काम करते हैं तो हमें कभी भी फल नहीं मिलता है।
तो दोस्तों ये थी आज की चतुर किसान और जादुई बीज हिंदी कहानी (Chatur Kisan aur Jadue Beej)। हमने इस कहानी को रोचक बनाने का बेहद प्रयास किया है। आशा है कि आपको चतुर किसान और जादुई बीज हिंदी कहानी बहुत पसंद आयी होगी। कमेन्ट बॉक्स में अपने विचार साझा जरूर करें। आगे भी हम आपके लिए चतुर किसान और जादुई बीज की तरह ही और Hindi Stories लेकर आयेंगे। धन्यवाद!