सुंदर राजकुमारी की कहानी: राजकुमारी और पिचो की दोस्ती

सुंदर राजकुमारी की कहानी: आज हम आपके लिए सुंदर राजकुमारी की कहानी लेकर आए हैं जो एक सुंदर राजकुमारी और कुतिया की दोस्ती के बारे में है। सुंदर राजकुमारी की कहानी (sundar rajkumari ki kahani) से हमे हमेशा दोस्ती निभाने और जीवों के प्रति प्रेम रखने की शिक्षा मिलती है। आइए पुरी सुंदर राजकुमारी की कहानी पढ़ते हैं-

सुंदर राजकुमारी की कहानी

बहुत समय पहले की बात है। सुरजपुर नामक एक राज्य था। सुरजपुर राज्य बेहद बड़ा और सुन्दर राज्य था। यह राज्य बेहद समृद्ध और खुशहाल था। इस राज्य में चारों ओर हरियाली से भरपूर जंगल थे। इस राज्य की सुंदरता और शोभा देखने लायक थी। इस राज्य में सूरज सदैव चमकता रहता था। सूरज की चमक से सुरजपुर राज्य की चमक में चार चांद लग जाते थे। इस राज्य का वातावरण बेहद शुद्ध था।

इस राज्य में मल्लीनाथ नामक एक राजा था। वह राजा बेहद साहसी और न्यायप्रिय था। उस राजा की एक रानी थी, उसका नाम सौम्या था। उस राज्य की रानी बेहद दयालु और बुद्धिमान थी। राजा और रानी दोनों राज्य के लोगों से बेहद प्रेम करते थे। उन दोनों की एक बेटी थी। यानी उस राज्य की राजकुमारी, जिसका नाम सिया था। राजा और रानी की केवल एक ही संतान थी और वे उससे बेहद प्रेम करते थे।

राजकुमारी सिया बेहद भोली थी। उसे दुनिया की अभी इतनी समझ नहीं थी। राजकुमारी सिया बेहद खूबसूरत थीं। संपूर्ण राज्य में उनसे ज्यादा सुंदर और कोई नहीं था। दूर-दूर और बेहद बड़े राज्य के राजकुमार, राजकुमारी सिया की सुंदरता पर मरते थे। वे राजकुमारी सिया से विवाह करना चाहते थे।

राजकुमारी सिया के पास एक छोटी सी कुतिया थी। उस कुतिया का नाम पिचो था। राजकुमारी सिया पिचो से बेहद प्रेम करती थीं। पिचो भी सारा दिन राजकुमारी सिया के साथ ही रहती थी। वे दोनों एक साथ खेलते रहते थे। पिचो साए की तरह राजकुमारी सिया के साथ रहती थी। उन दोनों यूं एक साथ देखकर ये कहना गलत नहीं था कि वे दोनों बेहद घनिष्ठ मित्र हैं।

परन्तु राजकुमारी के पिता को उनकी दोस्ती बिल्कुल पसंद नहीं थी। वे अक्सर राजकुमारी को समझाते की आपके जैसी सुन्दर राजकुमारी कुतिया पाले, ये हम लोगों को शोभा नहीं देता पर राजकुमारी उनकी बात को अनसुना कर देती।

उस राज्य के पास में ही एक काला पर्वत था। उस काले पर्वत पर एक जादूगर रहता था। सभी राज्य के लोगों को और उस राज्य के राजा और रानी को भी उस जादूगर के बारे में जानकारी थी। सभी लोग जानते थे कि वो काला पर्वत उस जादूगर का घर है।

कोई भी उस काले पर्वत के आस-पास जाने की हिम्मत भी नहीं करता था। क्योंकि सभी को ये मालूम था कि उस जादूगर को किसी पर भी जल्द ही गुस्सा आ जाता हैं और उसके पास जो शक्तियां हैं। उससे वो उन्हें कोई भी सजा दे सकता हैं।

लेकिन उस राज्य के लोगों को उस जादूगर पर बेहद भरोसा था कि वो जो भी कहता हैं वो सच हो जाता हैं। वह जादूगर राजकुमारी सिया के बारे में जानता था। वह जादूगर भी राजकुमारी सिया की सुंदरता की वजह से उसे अपने वश में करना चाहता था।

उस जादूगर ने बहुत बार सुरजपुर राज्य को पहले ही दुश्मन राज्य की चालों के बारे में और राज्य पर हमला होने की चेतावनी देकर बचाया था। इस वजह से वहां के लोग उस जादूगर की बातों पर विश्वास करते थे।

उस जादूगर ने ये सब केवल एक छल किया था ताकि वह राजा और रानी को अपनी तरफ कर सके। वह यह सब इसलिए करता हैं ताकि सही समय पर वह राजकुमारी को अगवा कर सके और उसे अपने साथ ले जा सके।

वह राजकुमारी को अपने वश में करके उसकी सुंदरता लेना चाहता था ताकि वह भी सुंदर हो सके। जादूगर ने पहले से ही राजकुमारी को अगवा करने की योजना बना ली थी।

अब उस राज्य के लोगों को और राजा-रानी को उस जादूगर की बातों पर विश्वास हो गया था। जादूगर अपनी योजना के अनुसार अब राजा और रानी से मिलने जाने वाला था।

अब एक दिन जादूगर काले पर्वत से सुरजपुर राज्य में आता है। पूरे राज्य में ये बात फैल जाती हैं कि जादूगर आ गया है। राजा और रानी को भी यह बात पता लग जाती हैं। राजा और रानी जादूगर के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करवाते हैं।

जब जादूगर महल में आता है तो राजा और रानी उसका स्वागत करते है। वह जादूगर को बैठने के लिए कहते हैं। राजा और रानी उस जादूगर की अच्छे से मेहमान नवाजी करते हैं।

अब राजा जादूगर से पूछता है, “आप आज यहां कैसे? क्या आपको फिर से कोई चेतावनी देनी है? क्या कोई अशुभ समाचार है?” जादूगर कुछ समय चुप रहता हैं। फिर जादूगर राजा से कहता हैं, “हां, एक अशुभ समाचार है। लेकिन वह राज्य से नहीं जुड़ा हुआ है। वह आपकी पुत्री से जुड़ा हुआ है।”

राजा और रानी यह सुनकर हैरान हो जाते हैं। वे जादूगर से पूछते हैं कि, “ऐसा क्या होने वाला है हमारी पुत्री को?” जादूगर उन्हें कहता हैं, “कुछ भी बताने से पहले मैं एक बार आपकी पुत्री से मिलना चाहता हूं।” राजा और रानी जादूगर की बात मान लेते हैं। वे अपनी पुत्री को वहां बुलाते हैं।

जैसे ही राजकुमारी सिया जादूगर के समक्ष आती हैं, जादूगर राजकुमारी को एकटक देखने लगता हैं। जादूगर ने राजकुमारी के बारे में जितना सुना और सोचा था, राजकुमारी उससे भी ज्यादा सुंदर थी।

उसे देखने के बाद जादूगर अब उस राजकुमारी को अपने वश में करने के लिए ओर भी बेताब हो जाता हैं। अब कुछ देर बाद राजा राजकुमारी को वापस भेज देता हैं। जादूगर को राजकुमारी की एक झलक देखने मिल जाती हैं।

राजकुमारी के जाने के बाद जादूगर राजा से कहता हैं, “आपकी पुत्री बेहद सुंदर है। उसका ये रूप चंद्रमा की देन हैं। चंद्रमा और सूरज कभी एक नहीं होते हैं। आने वाले समय में सूरज की रोशनी बेहद तेज होने वाली हैं। अब यदि आपकी पुत्री सूरज की रोशनी में जाएगी तो उसकी सुंदरता को और उसको खतरा है। वो भस्म हो जाएगी।”

ये बोलकर जादूगर वहां से उठ जाता हैं। राजा और रानी बेहद परेशान हो जाते हैं। जादूगर वहां से जाने लगता हैं। राजा और रानी जादूगर के पीछे भागते हैं।  जादूगर के पास जाकर हाथ जोड़ लेते हैं। वे जादूगर से पूछते है, “पर इसका कोई उपाय तो होगा।” जादूगर उन्हें कहता हैं, “आपकी पुत्री 20 वर्ष की आयु तक सूरज से दूर रखें।” ये कहकर जादूगर वहां से चला जाता हैं।

राजा और रानी अब राजकुमारी को सूरज से दूर रखने के बारे में सोचने लगते है। वे दोनों जादूगर के जाल में फंस जाते हैं। जादूगर ने जैसा सोचा होता हैं। राजा वैसा ही करता हैं। राजा और रानी अपनी पुत्री के अच्छे भविष्य के लिए उसे एक कमरे में बंद रखने का सोच लेते हैं।

राजा एक कमरा बनवाता है, जिसमें सूरज की रोशनी ने जा सके। उस कमरे में एक भी खिड़की नहीं होती हैं। राजकुमारी की सुरक्षा के लिए राजा उस कमरे के बाहर 7 दरवाजे बनवाता हैं। जब तक वह कमरा बनता है, तब तक राजा राजकुमारी को कहीं भी बाहर जाने से मना कर देता हैं।

राजकुमारी सिया को यह बात बिल्कुल भी समझ भी आती की उसके माता-पिता ऐसा क्यों कर रहे हैं। राजकुमारी पिचो के साथ सारा दिन अपने कमरे में बैठी रहती हैं। राजकुमारी उस दिन पिचो से कहती हैं, “पिचो ये सब क्या हो रहा है? मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। मुझे लगता हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह सही नहीं हैं। कुछ तो गलत है। पिचो तुम तो मेरी बेहद अच्छी दोस्त हो। तुम मेरे साथ ही रहना।”

पिचो राजकुमारी को केवल देखती रहती हैं। पिचो एक जानवर थीं, बेशक वो इंसानी भाषा बोल नहीं सकती हैं। लेकिन वह सब कुछ समझ रही थी।

अब कमरा तैयार होते ही राजा और रानी राजकुमारी को उस कमरे में डाल देते हैं। राजकुमारी अपने माता-पिता से अनुरोध करती हैं कि वे पिचो को उसके साथ लेकर जाने दे किंतु राजा राजकुमारी को मना कर देते हैं। राजा जादूगर का शुक्रगुज़ार इसलिए भी था क्योंकि अब वो राजकुमारी और पिचो की दोस्ती तोड़ने में भी सफल होने वाला था। वे राजकुमारी को 7 दरवाजे वाले कमरे में बंद करके वे उस पर 7 ताले लगा देते हैं।

सुंदर राजकुमारी की कहानी, Sundar rajkumari ki kahani

अब राजकुमारी कमरे में बंद होती हैं। लेकिन पिचो राजकुमारी के वादे के अनुसार वह उसी कमरे के बाहर सारा दिन बैठी रहती हैं। अब जादूगर राजकुमारी को अगवा करने की कोशिश करता हैं। लेकिन पिचो के वहां रहने की वजह से वह अंदर नहीं जा पाता है। क्योंकि जादूगर को श्राप मिला हुआ था कि उसका जादू निर्दोष जानवरों पर काम नहीं करेगा।

एक दिन राजा के कहने पर राजकुमारी की माता पिचो को अपने साथ ले जाती हैं ताकि अगले दिन सुबह वो पिचो को जंगल में छुड़वा सके। उस रात वह जादूगर वहां आता है और राजकुमारी को अगवा करने के लिए एक-एक करके ताले तोड़ने लगता हैं। जैसे ही पहले दरवाजे का ताला टूटता है, राजकुमारी को पता चल जाता हैं कि कोई अंदर आने की कोशिश कर रहा है।

राजकुमारी को अनर्थ की आशंका होती है लेकिन राजकुमारी को समझ नहीं आता है वो क्या करे? इसलिए राजकुमारी एक-एक करके सभी को आवाज देने लगती हैं। ताकि कोई उसकी आकर मदद कर सकें। लेकिन बहुत आवाज देने पर भी राजकुमारी की मदद करने कोई भी नहीं आता है।

अब जादूगर 6 ताले तोड़ चुका था। अब आखिरी दरवाजा और ताला बचता है। राजकुमारी अब जोर से पिचो को आवाज लगती हैं, “पिचो…. उठो पिचो। कोई ताला तोड़ रहा है। मुझे बचाओ।” पिचो बेहद सुजाग थीं। राजकुमारी की बेहद हल्की सी आवाज आने पर भी वह तेज़ी से दौड़ी जाती हैं।

अब जादूगर आखिरी ताला भी तोड़ देता हैं। जैसे ही जादूगर दरवाजा खोलता हैं, पिचो वहां पहुंच जाती हैं और वहां पहुंचते ही वह जादूगर के ऊपर हमला कर देती हैं। पिचो के हमले से जादूगर के हाथ में जो छड़ी होती हैं वह निचे गिर जाती हैं। पिचो जादूगर को काट लेती हैं।

राजकुमारी भी अपनी बुद्धिमता का उपयोग करती है। वह तुरंत जादूगर की छड़ी उठाती हैं और जादूगर को उसी के जादू से नष्ट कर देती हैं। इस तरह पिचो राजकुमारी को बचा लेती हैं। जब राजा रानी को इस घटना का पता चलता है तो वे अपनी सोच पर शर्मिंदा होते है और राजा पिचो को उसकी बहादुरी का इनाम भी देता हैं।

सुंदर राजकुमारी की कहानी से शिक्षा

सुंदर राजकुमारी की कहानी (sundar rajkumari ki kahani) से हमे ये शिक्षा मिलती हैं कि हमें कभी भी किसी पर भी बिना सोचे समझे विश्वास नहीं करना चाहिए। सुंदर राजकुमारी की कहानी (sundar rajkumari ki kahani) से हमें ये भी पता चलता है कि जानवर बेहद बहादुर, समझदार और वफादार होते है। और मुसीबत के समय सच्चे दोस्त की तरह हमेशा साथ निभाते हैं चाहे वो इंसान हो या जानवर।

Conclusion: दोस्तों, आशा है कि आपको आज की सुंदर राजकुमारी की कहानी (sundar rajkumari ki kahani) पसंद आयी होगी। सुंदर राजकुमारी की कहानी के बारे में अपने विचार हमें कमेन्ट में जरूर बताए। आप हमारी वेबसाइट पर और भी प्रेरणादायक हिंदी कहानियाँ पढ़ सकते हैं।

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