भेड़िये की कहानी: कौवे और भेड़िए की दोस्ती

भेड़िये की कहानी हिंदी में: नमस्ते दोस्तो, आज हम आपके लिए एक सच्ची दोस्ती की कहानी लेकर आए है, जिसका नाम है भेड़िये की कहानी। ये कहानी कौवे और भेड़िए की दोस्ती की हैं, जिससे हमें दोस्ती का महत्व समझ में आता है। यह कहानी आपको सच्ची मित्रता के लिए प्रेरित करेगी। आइए पढ़ते है भेड़िये की कहानी (story of the wolf in hindi)-

भेड़िये की कहानी: story of the wolf in hindi

कुछ समय पहले की बात है, एक जंगल में एक कौवा रहता था। वह कौवा बेहद होशियार था और वह कौवा सभी से प्रेम भाव के साथ रहता था। कौवे को मित्र बनाना और दूसरों की मदद करना बेहद अच्छा लगता था। कौवा इतना अच्छे स्वभाव का था कि उसके मित्र बेहद जल्दी बन जाते थे। उस कौवे को कभी भी किसी भी प्रकार की तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा था क्योंकि जब भी उसे कोई परेशानी होती थी तो हर जानवर उसकी मदद के लिए तैयार रहता था।

उस जंगल में एक भेड़िया भी रहता था। वह भेड़िया बेहद फुर्तीला और ताकतवर था। जंगल के सभी जानवर उस भेड़िए से डरते थे। वे सभी जानते थे कि यदि वह भेड़िए के नजर में आ गए तो भेड़िया उनका शिकार जरूर कर लेगा। इसी डर से कोई भी जानवर उसके आस-पास भी नहीं जाता था। यह काफी लंबे समय से हो रहा था। इसकी वजह से भेड़िए को शिकार करने में बेहद तकलीफ होती थी। भेड़िया काफी समय से भूखा था।

कौवे को भी उस भेड़िए के बारे में पता था। एक दिन भेड़िया जंगल में भूखा शिकार करने के लिए इधर-उधर भटक रहा था। कौवा भी वही उड़ रहा था। कौवे ने उड़ते-उड़ते भेड़िए को देखा। कौवे ने देखा कि भेड़िया बेहद परेशान और कमजोर था। कौवे ने भेड़िए से कहा, “क्या हुआ, भेड़िए? काफी कमजोर लग रहे हो?”

भेड़िये की कहानी: कौवे और भेड़िए की दोस्ती

भेड़िए ने कौवे को बताया, “क्या बताऊं कौवे! मैं एक जंगली जानवर हूं। इसलिए सभी मुझसे डरते हैं और मेरे आस-पास भी नहीं आते है। इसी वजह से मेरा कोई दोस्त नहीं है। मैं काफी समय से खाने की तलाश में हूं। मैंने काफी समय से कुछ भी नहीं खाया है। इसलिए कमजोर भी हो गया हूं।”

कौवे को अब सब कुछ समझ आ जाता हैं। कौवे को भेड़िए पर दया आती हैं। अब कौवा काफी ऊंचाई पर उड़ रहा था, इसलिए कौवे को जंगल काफी साफ नजर आ रहा था। कौवा देखता है कि भेड़िए से कुछ दूरी पर एक गाय थी। अब कौवा भेड़िए को बताता हैं, “भेड़िए, तुमसे कुछ दूरी पर ही एक गाय है। यदि तुम होशियारी से काम लो तो आज तुम्हें खाना मिल सकता हैं।”

भेड़िए को बेहद भूख लगी होती हैं। वह कौवे की बात मान कर वहीं करता है जो कौवा उसे कहता है। कौवा भेड़िए की शिकार करने में मदद करता हैं। कौवे की मदद से भेड़िया शिकार कर लेता है और उसे भर पेट खाना मिल जाता है।

अब भेड़िया कौवे का धन्यवाद करता हैं। भेड़िया कौवे से कहता है, “धन्यवाद कौवे। तुमने बिना किसी स्वार्थ के मेरी मदद की। क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?” कौवा भेड़िए की बात सुनकर उससे दोस्ती कर लेता है।

भेड़िये की कहानी: कौवे और भेड़िए की दोस्ती, story of the wolf in hindi

अब भेड़िया और कौवा दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन जाते है।  दोनों एक-दूसरे की मदद करते हैं। वे दोनों बेहद घनिष्ठ मित्र बन चुके थे। वे दोनों हर काम एक दूसरे के सहयोग से करते थे। दोनों कभी भी एक-दूसरे को मुसीबत में नहीं देख सकते थे। जब भी कोई मुसीबत आती वे एक साथ मिल कर उसका सामना करते थे।

एक दिन जंगल में एक शिकारी आता है। वह जंगल में शिकार की तलाश में घूम रहा होता हैं। काफी देर ढूंढने के बाद वह जंगल में एक जगह जाल बिछा देता हैं और वहीं छुप कर बैठा रहता हैं। शिकारी वहां पर किसी जानवर के आने का इंतजार करता रहता हैं। तभी थोड़ी देर बाद वहां पर भेड़िया आ जाता हैं। भेड़िया अब उसी जाल की तरफ चलने लगता हैं। वह जाल पतियों में छिपा होता हैं, इसलिए भेड़िए को यह पता नहीं चलता है कि वहां पर जाल बिछा हुआ है।

अब जैसे ही भेड़िया जाल पर पहुंचता हैं तो वह उस जाल में फंस जाता है। अब शिकारी तुरंत झाड़ियों से बाहर निकल आता है। शिकारी बेहद खुश होता हैं। वह भेड़िए को देख कर कहता हैं, “आज तो बहुत अच्छा शिकार हाथ लगा है। तुम तो बहुत बड़े और स्वस्थ हो। तुम्हें बेच कर तो मैं बहुत अमीर बन जाऊंगा।” यह कहकर शिकारी जोर से हँसने लगता हैं। भेड़िया उस जाल से निकलने की बहुत कोशिश करता हैं लेकिन नाकामयाब हो जाता हैं। अब भेड़िया बेहद परेशान हो जाता हैं।

शिकारी भेड़िए को जाल में बांध कर जाल नीचे उतार लेता है। अब भेड़िए को लगता हैं कि वो आज नहीं बच पाएगा। तभी भेड़िए को कौवे की याद आती है। भेड़िया सोचता है “यदि कौवा यहां आ जाए तो वो मुझे बचा लेगा।” वह कौवे को बुलाने के बारे मे सोचता है। लेकिन वह कौवे को कैसे बुलाए? भेड़िया यही सोच में पड़ जाता हैं। अब भेड़िया कौवे को बुलाने के लिए ऊंचे स्वर में रोने लगता हैं। अब जैसे ही कौवा भेड़िए की आवाज सुनता है तो वह तुरंत समझ जाता हैं कि भेड़िया किसी मुसीबत में है।

कौवा जैसे ही भेड़िए की आवाज से उसके पास पहुंचता है तो वह भेड़िए को जाल में फंसा देखता है। कौवा भेड़िए को बचाने के लिए एक योजना बनाता हैं। वह अपने एक दोस्त चूहे को बुला लेता है। वह चूहे से कहता हैं, “मैं शिकारी का ध्यान अपनी ओर खींचता हूं। तुम जाकर जाल काट देना और फिर हम सभी भाग जाएंगे। चूहा कौवे की बात समझ जाता हैं। अब कौवा योजना के अनुसार शिकारी के पास जाकर उसके सिर पर उड़ने लगता है और उसे जोर-जोर से चोंच मारने लगता हैं।

ये भी पढ़े:

शेर और हिरण की कहानी हिंदी में: story of lion and deer in hindi

जादुई सोने की मुर्गी की कहानी: the story of the magical golden hen

जब कौवा यह सब कर के शिकारी को परेशान कर रहा होता हैं तो चूहा कौवे के कहे अनुसार वहां जाकर जाल काट देता हैं। जाल के कटते ही भेड़िया चूहा और कौवा वहां से भाग जाते हैं। इस तरह एक बार फिर कौवा भेड़िए की मदद करता है और उसे बचाता हैं।

भेड़िये की कहानी से सीख

इस भेड़िये की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि सच्चे दोस्त हमेशा हर कठिन परिस्थिति में हमारा साथ देते है। दोस्त जिंदगी का सबसे बड़ा सहारा होते है। हमें सच्चे दोस्तों का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

Conclusion

आज हमारी भेड़िये की कहानी (story of the wolf in hindi) कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी कहानी अच्छी लगी होगी। आपको हमारी कहानी कैसी लगी हमें अपने विचार कमेंट में जरूर बताए और यदि आपको पसंद आई तो शेयर भी करे।

Leave a Comment