विषकन्या की कहानी
विषकन्या की कहानी: कुछ समय पहले की बात है। कुंभलगढ़ नामक एक राज्य था। उस राज्य में शिवराज चौहान नामक राजा था। उस राजा की एक रानी सोमा बाई थी। उस राज्य का एक राजकुमार था, जिसका नाम सूरजमल था। सूरजमल बेहद सुंदर था। कुछ समय में सूरजमल को कुंभलगढ़ राज्य का राजा घोषित किया जाने वाला था। वह राज्य बेहद समृद्ध और सुंदर था। जिसका श्रेय पूरी प्रजा राजा शिवराज को देती थी।
राज्य की समृद्धि से सभी पड़ोसी राज्य जलते थे। उस राज्य के बहुत सारे दुश्मन थे। लेकिन उनमें से कोई भी युद्ध से उस राज्य को हरा नहीं पाया था। अन्य राज्यों के शासक राजा शिवराज को मारने की नई-नई और अलग-अलग तरीके खोजते रहते थे। लेकिन अभी तक कोई भी कुछ भी नहीं कर पाया था। लेकिन इस बार कुछ ऐसा होने वाला था, जिससे उस राज्य की हार और शिवराज की मृत्यु निश्चित थी।
राजकुमार सूरजमल को अभी तक कोई भी स्त्री अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाई थी। सभी राज्य की अनेकों सुंदर राजकुमारियों ने सूरजमल को विवाह हेतु और प्रेम प्रसंग हेतु अनेकों प्रस्ताव भेजे और प्रयास भी किए। लेकिन सूरजमल को कभी भी उनमें ऐसा कुछ भी खास नहीं दिखा, जिससे वह उनसे शादी करना चाहे। एक दिन कुंभलगढ़ में एक बेहद सुंदर कन्या आती हैं। वह बंजारों के साथ राजा शिवराज के दरबार में पहुंचती हैं। उस कन्या को देख कर हर कोई उसकी खूबसूरती की तारीफ करने लगता था। उसका नाम शिवानी था।
जब वे राजा के दरबार में पहुंचते हैं तो राजा उनसे पूछता है कि, “आप सब कौन है? और हमारे राज्य में क्या कर रहे है?” बंजारों का मुखिया राजा से कहता हैं, “महाराज, हम आपके दुश्मन राज्य से नहीं आए हैं। हम आपके संबंधी राज्य से आए हैं। हम वहां पर रहते थे और नाच गाना करते थे। इसी से हमारी रोज़ी रोटी भी होती थी। महाराज हम बंजारे हैं, एक राज्य से दूसरे राज्य में आते जाते रहते हैं। हम आपके राज्य में भी इसी उद्देश्य से आए है।”
शिवराज उन सभी की अच्छे से जांच पड़ताल करवाता है। जब राजा को कुछ भी संदेह जनक नहीं लगता है तो राजा उन्हें अपने राज्य में रुकने की इजाजत दे देता हैं। अब बंजारे राजा से कहते हैं, “महाराज यदि आपकी इजाजत हो तो, हम आपके समक्ष एक छोटी सी प्रस्तुति करना चाहते हैं।” राजा उन्हें इजाजत दे देता हैं। अब दरबार में सभी मंत्री और राजकुमार और रानी भी आ जाते हैं। बंजारे उन सभी के सामने एक बेहद सुंदर प्रस्तुति देते हैं। शिवानी उस प्रस्तुति में सबसे महत्वपूर्ण थी। शिवानी को देखकर सभी के होश उड़ जाते हैं। शिवानी बेहद सुंदर थी।
सूरजमल को शिवानी की आंखों में एक दर्द नजर आता हैं। इसी दर्द के कारण सूरजमल शिवानी से प्रेम करने लगता हैं। सूरजमल रोज शिवानी मिलता और उससे बहुत सारी बातें करता। धीरे-धीरे शिवानी भी सूरजमल से प्रेम करने लगी थी। लेकिन शिवानी कोई आम इंसान नहीं थी। शिवानी एक खास मकसद से कुंभलगढ़ में आई थी। सूरजमल शिवानी की सच्चाई से बेखबर था। शिवानी को अपना मकसद याद था। लेकिन वह सूरजमल से सच्चा प्रेम करने लगी थी।
एक बार शिवानी महल में रात के समय चोरी चोरी अंदर आ रही थी। सूरजमल शिवानी को यूं आते देख लेता है। सूरजमल को लगता हैं कि शिवानी शायद उससे मिलने आई है। लेकिन ऐसा नहीं था। सूरजमल देखता है कि शिवानी राजा शिवराज के कमरे की तरफ जा रही थी। सूरजमल शिवानी का पीछा करता है और सूरजमल देखता है कि शिवानी राजा के कमरे में जाकर वहां पड़े दूध में फुंक मारती है और वहां से चली जाती हैं। सूरजमल को कुछ भी समझ नहीं आता है। तभी सूरजमल देखता है कि राजा वहां दूध पीने आने वाले होते है।
तभी शिवानी कुछ गिरा कर राजा का ध्यान भटका देती हैं और वह दूध को गिरा देती हैं ताकि राजा उसे पी न पाए। सूरजमल यह देखता रहता हैं। अब सूरजमल शिवानी के पीछे जाता हैं और एक खाली जगह पर जाकर उसे अपने साथ एक गुप्त जगह पर ले जाता हैं। शिवानी को कुछ भी समझ नहीं आता है। शिवानी कहती हैं, “यह आप क्या कर रहे हैं?” सूरजमल शिवानी को कहता हैं, “ये तो तुम बताओ? तुम कौन हो? और क्या कर रही हो?” शिवानी सूरजमल को आश्चर्य से देखने लगती हैं। अब सूरजमल शिवानी को बता देता हैं कि उसने शिवानी को राजा के कमरे में जाते देखा था और उसने वो सब देखा जो उसने किया।
शिवानी सब समझ जाती हैं और वह सूरजमल से कहती हैं, “आप मुझसे प्रेम करते है ना, तो यदि मैं आपसे कहूँ की मैं इंसान नहीं हूं तो क्या आप मेरी सच्चाई जानने के बाद भी मुझसे प्रेम करेंगे?” सूरजमल को कुछ भी समझ नहीं आता है। शिवानी सूरजमल को बताती हैं, “मैं एक विषकन्या हूँ। मुझे बचपन से जहर पिलाया गया है और मुझे एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता हैं। मुझे यहां राजा शिवराज को मारने के लिए भेजा गया है।”
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सूरजमल यह सुनते ही हैरान हो जाता हैं। सूरजमल को शिवानी पर गुस्सा आता है लेकिन वह अपने प्रेम के कारण कुछ भी नहीं कर पाता है। अब शिवानी सूरजमल से कहती है, “मैं आज महाराज के कमरे में उन्हें मारने गई थी। लेकिन हमारे प्यार के कारण मैं ऐसा नहीं कर पाई। तुमने मुझे एक इंसान की तरह देखा और प्रेम किया। न कि किसी जहरीले और खतरनाक हथियार की तरह।”
शिवानी सूरजमल से आगे कहती हैं, “हमारा प्यार सच्चा है। हम इस जन्म में न सही, लेकिन अगले जन्म में जरूर मिलेंगे।” सूरजमल और शिवानी बेहद भावुक हो जाते हैं। ये कहकर शिवानी खुद के जहर से खुद को मार डालती हैं। सूरजमल शिवानी से आज भी प्रेम करता हैं। वह उसकी याद में एक शिव मंदिर बनवाता है।
विषकन्या की कहानी से सीख
इस विषकन्या की कहानी से हमे ये शिक्षा मिलती हैं कि सच्चा प्रेम हमें एक अच्छा इंसान बनाता हैं और हमें हर झूठ से लड़ने की हिम्मत देता हैं। सच्चा प्रेम कभी नहीं मरता है वो हमेशा एक दूसरे के दिल में जिंदा रहता हैं।
विषकन्या की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि सच्चे प्यार में किसी भी तरह का स्वार्थ नहीं होता। सच्चे प्यार में एक दूसरे पर जान न्यौछावर करने की हिम्मत होती है। हमें भी विषकन्या की कहानी से सच्चे प्यार को समझना चाहिए।