शेर और हिरण की कहानी लिखी हुई: आज के लेख में मैं आपके लिए शेर और हिरण की कहानी हिंदी में लेकर आई हूं। शेर और हिरण की कहानी एक चतुर हिरण, एक घमंडी शेर और एक चालबाज लोमड़ी के बारे में है। शेर हिरण की कहानी में पढ़िए कि कैसे वो चतुर हिरण खुद को शेर का शिकार बनने से बचाती है और वो चालबाज लोमड़ी को खुद के खोदे हुए गड्ढे में ही गिरा देती है। आइए पढ़ते है शेर और हिरण की कहानी हिंदी में (story of lion and deer in hindi)-
शेर और हिरण की कहानी
शेर और हिरण की कहानी: एक जंगल में एक शेर रहता था। वह शेर खुद को जंगल का राजा मानता था। वह शेर बेहद फुर्तीला और ताकतवर था। जंगल के शेर से बाकी सभी जानवर बेहद डरते थे। क्योंकि यदि वह शेर किसी जानवर का शिकार करने का सोच लेता तो वह जानवर उससे बच नहीं सकता था। वह शेर बेहद घमंडी था। उसे हारना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था।
उस जंगल में एक चालक लोमड़ी भी रहती थी। वह लोमड़ी बेहद चालाक और स्वार्थी थी। उस लोमड़ी को खुद की चालाकी पर बेहद गर्व था। उस जंगल में एक भोला हिरण भी रहता था। वह हिरण मेहनत और ईमानदारी पर विश्वास रखता था। वह हिरण रोज नदी किनारे पानी पीने जाता था।
एक दिन लोमड़ी बेहद निराश होती हैं। लोमड़ी को बहुत तेज भूख और प्यास लगी होती हैं। लेकिन लोमड़ी को कुछ भी खाने को नहीं मिलता हैं। लोमड़ी अपनी प्यास बुझाने के लिए नदी किनारे चली जाती हैं। वहां पहुंच कर लोमड़ी नदी से पानी पीने लगती हैं। तभी वहां पर वह हिरण रोज की तरह पानी पीने और खेलने-कूदने आता है।
लोमड़ी उस हिरण को देखती हैं। लोमड़ी देखती हैं कि वह हिरण बेहद स्वस्थ और अच्छा था। लोमड़ी सोचने लगती हैं, “यदि यह हिरण मुझे खाने को मिल जाए तो आज दावत हो जाएगी।” लेकिन हिरण बेहद फुर्तीला था। यह देख कर लोमड़ी सोचती हैं कि वह उस हिरण का शिकार नहीं कर सकती हैं।
अब हिरण पानी पीकर वहां से चला जाता हैं। लेकिन लोमड़ी सोचने लगती हैं कि अब वो क्या करे? तभी लोमड़ी को शेर की याद आती हैं। लोमड़ी सोचने लगती हैं कि यदि वह शेर को हिरण का शिकार करने के लिए मना ले तो शायद शेर के बचे-खुचे से उसे भी हिरण की दावत मिल जाएगी। अब लोमड़ी एक योजना बनाती हैं।
वह लोमड़ी शेर के पास चली जाती हैं। लोमड़ी शेर के पास जाकर उससे कहती है, “कैसे हो शेर राजा?” शेर लोमड़ी को देख कर हैरान हो जाता हैं। वह उससे पूछता है, “तुम आज यहां कैसे चालाक लोमड़ी?” लोमड़ी शेर से कहती है, “सुना है, तुम खुद को जंगल का राजा मानते हो। तुमसे सभी डरते है। लेकिन कोई है, यदि उसका शिकार तुम कर पाओ तो मानू कि तुम सच में राजा बनने लायक हो।” शेर को कुछ भी समझ नहीं आता है। शेर पूछता है, “कौन है वो?”
अब लोमड़ी शेर को हिरण के बारे में बताती हैं। लोमड़ी कहती हैं, “शेर राजा, तुम उस हिरण का शिकार नहीं कर पाओगे।” शेर को यह सुनकर बेहद गुस्सा आ जाता हैं। शेर लोमड़ी से कहता हैं, “कहां हैं वो हिरण? उसका शिकार तो मैं आज ही करूंगा।” लोमड़ी खुश हो जाती हैं। वह शेर को अगले दिन उस नदी किनारे ले जाती हैं। लोमड़ी और शेर झाड़ियों के पीछे छिप जाते हैं।
अब हिरण वहां रोज की तरह पानी पीने आता है। शेर और लोमड़ी हिरण को छुप कर देखने लगते है। अब शेर मौका देखते ही हिरण के आगे कूद कर सामने आ जाता है। हिरण शेर को अचानक से सामने देख कर घबरा जाती हैं। हिरण को कुछ भी समझ नहीं आता है। अब शेर हिरण से कहता हैं, “अच्छा तो तुम हो वो, जिसका शिकार करके मैं उस चालाक लोमड़ी को यह साबित कर सकता हूं कि मैं ही हूं, इस जंगल का असली और ताकतवर राजा।” हिरण सोच में पड़ जाती हैं।
हिरण शेर से पूछती हैं, “आप क्या कह रहे हैं, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।” शेर हिरण को उसकी और लोमड़ी की बात बताता हैं। हिरण अब समझ आ जाती हैं कि यह सब उस लोमड़ी ने किया है, जो कल उसे नदी किनारे मिली थी। हिरण समझ जाता हैं कि उसने शेर को ये सब क्या कहा है। अब हिरण इस परेशानी से बाहर निकलने के लिए, एक योजना बनाती हैं।
हिरण शेर से कहती हैं, “मैं जानती हूं, आप ही सबसे ताकतवर हैं और इस जंगल के राजा भी हैं। लेकिन आपको एक लोमड़ी यूं बेवकूफ बना दे, यह तो संभव नहीं है। मैं जानती हूं। आप मुझ पर हमला करके मुझे खा जाएंगे। आप ये कर भी सकते है। लेकिन उससे पहले मैं मेरे महाराज को कुछ बताना चाहती हूं।”
शेर हिरण से अपनी तारीफ सुनकर बेहद खुश हो जाता हैं। शेर हिरण से पूछता है, “क्या बताना है तुम्हें?” हिरण शेर से कहती हैं, “आप जानते हैं, वो लोमड़ी आपको मेरा शिकार करने का कह रही है ताकि वो आपके बचे-खुचे से अपना पेट भर सके। शायद वो आपको बेवकूफ समझती हैं।” शेर गुस्सा में आग बबूला हो जाता हैं। हिरण शेर से आगे कहती हैं, “वह लोमड़ी सोचती हैं कि वो आपका फायदा आसानी से उठा लेगी। उसके अनुसार आप बेहद कमजोर है। इसलिए आप मेरा शिकार कर सकते है। लेकिन उसका नहीं।”
यह सब सुन कर शेर को बेहद गुस्सा आता है। अब शेर हिरण को कहता हैं, “उस चालाक लोमड़ी ने ऐसा कहा! आज तो उसे बता दूंगा कि मैं ही इस जंगल का राजा हूं। लेकिन तुम्हारा नहीं उसका शिकार करके।” अब शेर तुरंत लोमड़ी की तरफ तेजी से आगे बढ़ता है। लोमड़ी को कुछ भी नहीं पता था कि हिरण ने शेर से क्या कहा है। अब शेर लोमड़ी के सामने आता है। लोमड़ी शेर से पूछती हैं, “क्या हुआ? जाओ उसका शिकार करो!”
शेर लोमड़ी से कहता हैं, “माना तुम चालाक हो। लेकिन मैं बेवकूफ नहीं हूं।” यह कहकर शेर लोमड़ी पर हमला कर देता हैं और उसका शिकार करके उसे खा जाता हैं। अब जब शेर लोमड़ी पर हमला करता हैं तो उस समय में हिरण मौका देखकर तुरंत वहां से तेजी से भाग जाता हैं। इस तरह हिरण एक चाल को दुसरी चाल से काट देता हैं और अपनी जान बचा लेता हैं।
शेर और हिरण की कहानी हिंदी में से शिक्षा
इस शेर और हिरण की कहानी हिंदी में से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि जब हम दूसरों के लिए गड्ढा खोदते है तो हम खुद उसमें गिर जाते हैं। हम अपनी बुद्धिमता से हर परिस्थिति से लड़ सकते हैं। एक चाल को दुसरी चाल से ही हराया जाता हैं।
Conclusion
दोस्तो, आज आपने शेर और हिरण की कहानी हिंदी में (story of lion and deer in hindi) पढ़ी। दोस्तों इस शेर और हिरण की कहानी में जिस तरह चतुर हिरण ने अपनी सूझबूझ से जान बचाई, उसी तरह हमें भी प्रत्येक परिस्थिति में सूझबूझ से काम लेना चाहिए।
आपको ये शेर और हिरण की कहानी हिंदी में कहानी कैसी लगी? हमें कॉमेंट करके जरूर बताए। आप हमारी वेबसाइट पर और भी हिंदी कहानियां पढ़ सकते है।