हाथी की कहानी: आज मैं आपके लिए गोलू हाथी की कहानी लेकर आयी हूं। यह हाथी की कहानी आपको सिखाती है कि आपका शारीरिक आकार आपकी बुद्धि से कम मह्त्व रखता है। यह हाथी की कहानी बहुत ही रोचक है और हमारे सार्वजनिक जीवन में प्रासंगिक भी है। आइए पढ़ते हैं गोलू हाथी की कहानी–
हाथी की कहानी
एक बार एक जंगल था। वह जंगल बेहद बड़ा और सुन्दर था। उस जंगल में चारों और हरे-भरे पेड़-पौधे थे। वह जंगल बेहद बड़ा और घना था। उस जंगल में अनेक प्रकार के जानवर रहते थे। सभी जानवरों की अपनी-अपनी विशेषता थीं। वे सभी जानवर अलग-अलग कार्य करते थे। परंतु प्रत्येक जानवर अपने काम में निपुण थे। जंगल में बहुत सारे फुल और हरियाली थी, जिनके कारण जंगल बेहद खूबसूरत लगता था।
उस जंगल में काफी सारे हाथी भी रहते थे। वे सभी हाथी बेहद बड़े और बलवान थे। उन सभी बड़े हाथियों में एक छोटा नन्हा हाथी भी था। वह हाथी बेहद प्यारा था। उन सभी बड़े हाथियों में केवल वह एक छोटा हाथी था। वह हाथी यह सोचता था कि बाकी सभी हाथी उससे अधिक बड़े हैं और वो सबसे छोटा है। उस नन्हे हाथी की बड़ी-बड़ी आंखें थीं, जो कि बेहद मासूम थी। छोटे-छोटे कान थे। एक छोटी सी सूंड थी। छोटे-छोटे दांत। छोटे-छोटे पैर, पूंछ। वह हाथी पूरे जंगल में सबसे छोटा था।
सबसे छोटा होने के कारण बाकी सभी हाथी उससे अधिक बलवान थे और वह उनसे बेहद कमजोर था। गोलू को लगता हैं कि जो काम बाकी हाथी कर सकते हैं, वह काम गोलू नहीं कर सकता हैं। गोलू खुद को बाकियों के मुताबिक कमजोर आंकता था। वह सोचता था कि वो किसी के लिए कुछ भी नहीं कर सकता हैं। उसके हिसाब से वह किसी भी काम का नहीं है क्योंकि वह अभी बेहद छोटा है।
सभी हाथी बड़े-बड़े पेड़ो को भी अपने सूंड से तोड़ देते थे। वे सभी अपनी सूंड से बड़े-बड़े काम कर लेते थे और वे सूंड में पानी भरकर भी खेलते थे। लेकिन गोलू उनकी तरह ये सब नहीं कर पाता था। गोलू उनकी तरह अपनी सूंड में ज्यादा पानी नहीं ले पाता था, लेकिन गोलू को अभी अपनी ताकत के बारे मे अंदाजा नहीं था।
गर्मियों का समय था, जंगल में सभी जानवर बेहद प्यासे थे। लेकिन उन्हें पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना था, क्योंकि जंगल में पानी की कमी हो गई थी। धीरे-धीरे जंगल से पानी खत्म होता जा रहा था। अब एक दिन जंगल में सारे तालाब सूख गए थे और धीरे-धीरे पानी की कमी से सारे जंगल के पेड़ पौधे मुरझाने लगे हैं।
अब धीरे-धीरे जंगल के सारे जानवर प्यास से मरने लगे थे। अब सभी को पानी की कमी पूरी करने का कोई तरीका नजर नहीं आ रहा था। पूरे जंगल को और सभी जानवरों को अब बारिश का इंतजार था। सभी हाथी भी आपस में यही बात कर रहे थे। गोलू को भी पानी की कमी की वजह से बेहद परेशानी हो रही थी।
गोलू ने अपने परिवार वालों से सुना था कि अब जंगल को बचाने के लिए बारिश ही आखिरी उम्मीद है। गोलू ने अपने माता-पिता को ये कहते हुए सुना कि यदि बारिश नहीं हुई तो पूरा जंगल और इसमें रहने वाले जानवर काफी मुश्किल में पड़ जाएंगे। गोलू को भी अब बारिश का इंतजार होता हैं।
काफी समय बीत चुका था, लेकिन जंगल में बारिश का कोई नामों निशान भी नहीं था। अब धीरे-धीरे सभी जानवरों की उम्मीद खत्म होती जा रही थी। पूरे जंगल की हालत और भी खराब होने लगी थी। गोलू को अब ये समझ नहीं आता है कि वो ऐसा क्या करे, जिससे वह पूरे जंगल को बचा सके।
वैसे तो गोलू खुद को बेहद छोटा और किसी भी काम का नहीं मानता था। उसे लगता था कि उससे कुछ भी नहीं हो सकता है लेकिन फिर भी गोलू किसी भी तरह से जंगल की परेशानी का हल ढूंढना चाहता था।
अब गोलू जंगल के सूखे का हल ढूंढने में लग जाता हैं। काफी ढूंढने पर भी गोलू को कोई तरीका नहीं मिलता हैं। जिससे वह बारिश का पता लगा सके। अब गोलू को लगता हैं कि शायद वो छोटा है इसलिए उसे कोई हल नहीं मिला। गोलू को बहुत बुरा लगने लगता हैं। गोलू जंगल में एक जगह बैठ कर सोचने लगता हैं कि “अगर मैं थोड़ा सा बड़ा होता तो शायद मैं कुछ कर पाता। मैं जंगल को बचा पाता। लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा हूं।” गोलू बेहद निराश हो जाता हैं।
अब गोलू निराश वहां बैठा रहता हैं। तभी गोलू की सूंड पर एक छोटी सी पानी की बूंद गिरती है। गोलू हैरान हो जाता हैं। गोलू एकदम से ऊपर आसमान की तरफ देखता है। अब गोलू को आसमान में एक छोटा सा बादल दिखाई देता हैं जो इधर-उधर भटक रहा था।
गोलू को बादल दिखने पर बेहद खुशी होती हैं। वह सोचता है कि शायद अब बारिश हो जाएगी। लेकिन तभी गोलू देखता है कि वह बादल जंगल से बाहर तरफ जा रहा था। गोलू की कुछ भी समझ नहीं आता है कि वो अब ऐसा क्या करे कि ये बादल जंगल से बाहर ना जाए और जंगल में बारिश हो जाए।
अब गोलू इधर-उधर देखने लगता हैं। गोलू को जंगल के पास वाली पहाड़ी दिखाई देती हैं। गोलू को लगता हैं कि पहाड़ से वो बादल के ओर भी पास हो जाएगा और शायद तभी कुछ कर भी पाएगा।
गोलू जल्दी से भाग कर पहाड़ी की तरफ जाता हैं। वहां जाकर गोलू अब पहाड़ चढ़ने लगता हैं। गोलू को पहाड़ चढ़ने में बेहद परेशानी होती हैं। लेकिन बार-बार गिरने पर भी गोलू अपनी कोशिश नहीं छोड़ता है। इतनी कोशिशों के बाद आखिरकार गोलू पहाड़ पर चढ़ ही जाता हैं।
पहाड़ पर चढ़ने के बाद गोलू बादल के ओर भी पास पहुंच जाता हैं। गोलू को पहाड़ से एक ही नहीं और भी बहुत से बादल नजर आ रहे थे। लेकिन जंगल से काफी दूर थे।
अब गोलू को एक योजना सुझती हैं। गोलू अपनी सूंड से तेज-तेज आवाज निकालने लगता हैं। गोलू जोर-जोर से पानी वाले बदलो को जंगल की तरफ बुलाने लगता हैं। अब धीरे-धीरे पानी वाले बादल गोलू की आवाज से जंगल की तरफ आने लगते है। गोलू इस तरफ काफी सारे बादल इकठ्ठा कर लेता हैं। गोलू अब चुप हो जाता हैं और गोलू देखता है कि जंगल के ऊपर आसमान में बहुत सारे पानी वाले बादल इकठ्ठा हो गए है।
गोलू को लगता हैं कि उसने बादलों को इकट्ठा कर दिया है। अब तो बारिश हो ही जाएगी। गोलू कुछ देर इंतजार करता है। लेकिन वर्षा नहीं होती हैं। अब गोलू को लगता हैं कि शायद इतना ही करना सही नहीं है। उसे बारिश हो इसके लिए ओर भी मेहनत करनी पड़ेगी। गोलू ने कही सुना था कि हवा से बादल टकराते हैं और बारिश होती हैं। गोलू हवा का इंतजार करता हैं। लेकिन हवा नहीं चलती है।
अब गोलू अपनी सूंड से जोर जोर से बादलों की तरफ हवा फेंकने लगता हैं। गोलू द्वारा दी जाने वाली हवा बादलों तक नहीं पहुंच पा रही थी। अब गोलू अपनी पूरी ताकत लगा देता हैं। गोलू पूरी ताकत के साथ अपनी सूंड से हवा फेंकने लगता हैं। गोलू ऐसा लगातार करता रहता हैं। अब आखिरकार गोलू की मेहनत सफल हो जाती हैं। गोलू की सूंड की हवा से बादल आपस में टकराने लगते हैं। और आपस में बादल टकराने से आखिरकार बारिश होने लगती हैं।
अब जंगल में ज़ोर ज़ोर से बारिश होने लग गई थी। जंगल में बारिश होने से जंगल का सूखा पड़ने की मुसीबत भी हल हो गई थी। गोलू की मेहनत और सूझ-बूझ से जंगल में बहुत बारिश होती हैं। बारिश से जंगल के सभी तालाब भर जाते है। जंगल में पानी की समस्या दूर हो जाती हैं। जंगल फिर से हरा-भरा हो जाता हैं। सभी जानवर बेहद खुश हो जाते है। सभी बारिश से अपनी प्यास बुझा लेते है।
गोलू की बुद्धिमानी से पूरा जंगल नष्ट होने से बच जाता हैं। जैसे ही जंगल के सभी जानवरों के ये पता चलता हैं कि कैसे गोलू ने बारिश करवाने के लिए इतनी मेहनत की। और केवल गोलू की वजह से जंगल में बारिश हों पाई। तो जंगल के सभी जानवरों ने गोलू का शुक्रिया अदा किया। सभी जानवरों ने गोलू को शाबाशी दी।
गोलू जो जंगल में सबसे छोटा था और जिसे यह लगता था कि वह बेहद छोटा है इसलिए वह कुछ भी नहीं कर सकता है। उसी गोलू ने पूरे जंगल को इतनी बड़ी समस्या से राहत दिलवाई थी। गोलू की इसी सूझ बूझ और हिम्मत, मेहनत से सभी जानवरों ने गोलू को सम्मानित किया और उन्होंने गोलू को जंगल का सबसे बुद्धिमान और समझदार जानवर की उपाधि भी दी। गोलू की उम्र और उसका कद बेहद छोटा था लेकिन गोलू ने अपनी मेहनत से और अपने काम से जंगल का सबसे ऊंचा पद और सम्मान हासिल कर लिया था।
हाथी की कहानी से शिक्षा
इस हाथी की कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती हैं कि हमारी उम्र और कद हमारी काबिलियत तय नहीं करती है। हमें सफलता केवल अपने काम और मेहनत से मिलती हैं। बड़ा बनने से ज्यादा जरूरी होता हैं समझदार बनना। हर इंसान की अपनी खासियत होती हैं। कोई इंसान चाहे छोटा हो या बड़ा कुछ न कुछ कर सकता हैं। मुसीबत में परेशान और निराश होने की बजाय और यह बैठे रहने से ज्यादा जरूरी होता हैं, उस परेशानी का हल ढूंढना।
Conclusion: दोस्तों, आपको गोलू हाथी की कहानी कैसी लगी, हमें कमेंट करके जरूर बताएं। साथ ही, आप हमारे ब्लॉग पर और भी प्रेरणादायक हिंदी कहानी पढ़ सकते हैं। धन्यवाद!