दो तोते की कहानी– आज हम आपके लिए नयी प्रेरणादायक हिंदी कहानी लेकर आए हैं, जिसका नाम है- “दो तोते की कहानी: दो तोते और उड़ने की होड़”। दो तोते की कहानी आपको शिक्षा देती है कि मेहनत से ही हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं तो हमें सदैव मेहनत करते रहना चाहिए। आइए पढ़ते हैं दो तोते की कहानी
दो तोते की कहानी । Do Tote ki Kahani
एक बार की बात है, एक जंगल में दो तोते रहते थे। उनका नाम था, मिठू और टीटू। वे दोनों तोते बेहद करीबी और घनिष्ठ मित्र थे। मिठू तोता बेहद मेहनती और टीटू तोता बेहद आलसी था। वे दोनों तोते एक साथ रहते थे।
मिठू तोता रोज मेहनत करता था और अपने लिए खाना खोज लाता था। वहीं टीटू तोता इतना आलसी था कि वो अपनी आम खाने-पीने की जरूरत के लिए भी मेहनत नहीं करता था।
मिठू तोते को टीटू तोते की इस आदत के बारे में पता था, इसलिए वो अपने साथ साथ टीटू तोते के लिए भी खाना खोज कर लाता था। मिठू तोते ने टीटू तोते को हमेशा आलस छोड़ कर मेहनत करने के लिए कहा। लेकिन टीटू तोते ने मिठू तोते की बातों पर कभी भी ध्यान नहीं दिया।
मिठू तोते की यूं टीटू तोते के लिए खाना खोजने की वज़ह से टीटू तोते को कभी मेहनत करने की एहमियत कभी समझ नहीं आई।
एक दिन जंगल में एक प्रतियोगिता होती हैं। उस प्रतियोगिता का नाम था, “सर्वश्रेष्ठ तोता प्रतियोगिता”। उस प्रतियोगिता में जीतने वाले तोते को सर्वश्रेष्ठ तोते की उपाधि मिलने के साथ-साथ सारी जिंदगी के लिए खाना-पीना और सारी सुख-सुविधाएं मिलने वाली थी।जंगल के सभी तोते “सर्वश्रेष्ठ तोते” की उपाधि जीतने के लिए तैयारी करने लगते है।
जब मिठू तोते और टीटू तोते को ये बात पता चलती हैं तो वे दोनों भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की सोचते हैं। अब मिठू तोता उस प्रतियोगिता को जीतने के लिए मेहनत करने लगता हैं। टीटू तोता भी उस प्रतियोगिता में हिस्सा लेता हैं लेकिन वो आलस में सारा दिन बस घर में बैठ कर प्रतियोगिता जीतने के सपने देखता रहता हैं। वहीं मिठू तोता उस प्रतियोगिता के लिए रोज अभ्यास करने लगता हैं।
प्रतियोगिता से कुछ दिन पहले टीटू तोता बैठा होता हैं, तभी टीटू तोते को एक आदमी की आवाज सुनाई देती हैं। वह आदमी कह रहा होता हैं, “ले लो, ले लो, जादुई फल ले लो। जो चाहे वो जादू से कर लो।” टीटू तोता उस आदमी के पास जाता हैं और उससे वो फल ले लेता हैं। अब टीटू तोते को लगने लगता हैं कि वो तो बिना मेहनत के जादू से जीत जाएगा।
मिठू तोता रोज मेहनत करता हैं और टीटू तोता सोचता है कि वो जादू से जीत जाएगा। मिठू तोता टीटू तोते को मेहनत करने के लिए कहता हैं। लेकिन टीटू तोता मिठू तोते की बात नहीं सुनता है।
अब प्रतियोगिता का दिन आ जाता हैं। टीटू तोता जादुई फल खा लेता है। उसे लगता हैं कि अब वो जादू से जीत जाएगा और प्रतियोगिता के ईनाम से उसे और कोई काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अब प्रतियोगिता शुरू होती हैं। सभी तोते प्रतियोगिता में उड़ने के लिए तैयार हो जाते है। जैसे ही उड़ने के लिए सभी तोतों को झंडा दिखाया जाता हैं तो सभी तोते उड़ने लग जाते है।
मिठू तोता और टीटू तोता भी उड़ने लगते हैं। मिठू तोता उड़ता हुआ टीटू तोते से आगे चला जाता हैं। टीटू तोता सबसे पीछे उड़ रहा होता हैं। टीटू तोते को समझ नहीं आता है कि उसने तो जादुई फल खाया था फिर भी वो तेज उड़ क्यों नहीं पा रहा है?
मिठू तोता सबसे आगे और तेज़ उड़ने लगता हैं। अब मिठू तोता अपनी मंज़िल के पास पहुंच जाता हैं। इस तरह मिठू तोता उड़ने की होड़ जीत जाता हैं। और टीटू तोता हार जाता हैं।
अब मिठू तोता अपनी मेहनत से प्रतियोगिता जीत कर सर्वश्रेष्ठ तोते की उपाधि प्राप्त कर लेता हैं और ईनाम में जीवन भर की सुख-सुविधाएं भी मिठू तोते को मिल जाती हैं। अब टीटू तोते को समझ में आ जाता हैं कि जीवन में यदि हमें आराम और सभी सुख सुविधाएं चाहिए तो हमें मेहनत करनी पड़ती हैं, जादू से या आलस से हम कभी भी कुछ प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
यदि टीटू तोता मेहनत करता तो शायद वो जीत सकता था। अब टीटू तोता आलस छोड़ कर मेहनत से अपने लिए खाना-पीना ढूंढता है और अपने जीवन को सुखी बना रहा है।
दो तोते की कहानी से शिक्षा
इस दो तोते की कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती हैं कि-
- हम कभी भी जादू या चमत्कार से सफलता नहीं पा सकते।
- सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। सफलता का बस एक ही मंत्र है- मेहनत
- हम सबको अपने लक्ष्यों को पाने के लिए मेहनत करनी चाहिए। हमारी मेहनत का परिणाम हमे जरूर मिलेगा।
Conclusion- दो तोते की कहानी को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद दोस्तों। आशा है कि आपको दो तोते की कहानी पसंद आयी होगी। दो तोते की कहानी के बारे में हमें अपने विचार कमेन्ट में जरूर बताएं।