daravani kahaniyan hindi mein: एक हंसती हुई गुड़िया

daravani kahaniyan bhoot ki: नमस्ते! आज मैं आपके लिए daravani kahaniyan hindi mein लेकर आयी हूं, जिसका नाम है- bacchon ki daravani kahaniyan: हंसती हुई गुड़िया। इस daravani kahaniyan hindi mein में एक रवीना नाम की बच्ची होती है, जिसका सामना हंसती हुई गुड़िया से होता है। पूरा जानने के लिए daravani kahaniyan hindi mein पूरा पढ़िए।

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एक बार की बात है। रवीना नाम की एक छोटी सी 7 साल की लड़की थी। रवीना अपने माता-पिता (राघव और किरण) की एकलौती लडकी थी। वे दोनों रवीना से बेहद प्रेम करते थे। रवीना अभी बेहद छोटी थी। रवीना को अभी भूत-प्रेत के बारे में कोई भी समझ नहीं थी। वह बेहद मासूम थी। रवीना को खिलौनों का बेहद शौंक था। रवीना के पास बहुत से गुडे-गुड़िया थे।

एक दिन रवीना अपने घर के बाहर आंगन में खेल रही थी। रवीना के माता-पिता घर में कुछ कार्य कर रहे थे। वे घर की खिड़की से खेलती हुई रवीना पर नजर रखे हुए थे। लेकिन वे अपने कार्य में व्यस्त थे। कुछ देर बाद रवीना खेलती हुई घर के मुख्य दरवाजे पर पहुंच जाती है। उनके घर के पास पड़े कचरे के पात्र के पास रवीना को एक चमकती हुई गुड़िया दिखाई देती हैं।

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रवीना वहां से वह गुड़िया उठा कर अपने साथ घर में ले आती है। अब किरण, रवीना को उस गुड़िया के साथ खेलते हुए दिखती है। किरण को लगता कि शायद यह रवीना की ही गुड़िया है। अब शाम हो जाती हैं। रवीना, राघव और किरण रात को खाना खाकर सोने चले जाते हैं। रवीना उस गुड़िया को अपने साथ लेकर सोने चली जाती हैं। अब वे सभी सो जाते है।

अब रात के 1 बज जाते हैं। रात को अचानक किरण की नींद खुल जाती हैं। अब किरण को अपने घर में किसी के हँसने की आवाज आने लगती हैं। किरण को कुछ भी समझ नहीं आता है। किरण सोचती हैं कि इतनी रात को कौन हंस रहा है? रवीना को डर लगने लगता हैं। वह राघव और रवीना को देखती हैं। वे दोनों सो रहे होते हैं। किरण राघव को उठाने की कोशिश करती हैं। लेकिन राघव नहीं उठता है।

अब किरण को कमरे के बाहर एक साया नजर आता है। किरण डरते-डरते वहां से खड़ी होकर कमरे से बाहर आ जाती हैं। किरण को अभी भी वह हँसने की आवाज आती रहती हैं। किरण पूरे घर में ढूंढने लगती हैं। अचानक किरण को लगता हैं कि कोई उसके पीछे खड़ा है। जैसे ही किरण पीछे मुड़ती है तो उसे वहां वह गुड़िया दिखाई देती हैं। किरण को कुछ भी समझ नहीं आता है। अब वह हँसने की आवाज बंद हो जाती हैं। किरण वापस आकर सो जाती हैं। (daravani kahaniyan hindi mein)

अगले दिन किरण राघव को रात में जो किरण के साथ हुआ, वह सब कुछ बता देती है। राघव किरण की बात सुनकर हँसने लगता हैं। राघव किरण से कहता हैं, “तुम भूतिया कहानियां पढ़ना बंद करो। तुम यह सब पढ़ती हो, इसलिए रात में ऐसे वहम होते हैं।” अब किरण को भी लगने लगता हैं कि शायद ये केवल उसका वहम ही था।

अब किरण रवीना को किसी से बात करते हुए सुनती हैं। किरण जब रवीना के कमरे में आकर देखती हैं तो वहां रवीना अकेली ही होती है। किरण जब रवीना से पूछती हैं, “रवीना बेटा, तुम अभी किससे बात कर रही थी?” रवीना अपनी गुड़िया की तरफ इशारा करते हुए, किरण से कहती हैं कि,”मम्मी, मैं इससे बात कर रही थी।” किरण को बहुत अजीब लगता हैं। किरण अब रवीना से पूछती हैं, “बेटा ये गुड़िया आपके पास कैसे आई?” रवीना किरण से कहती है, “मम्मी ये मुझे बाहर दरवाजे के पास मिली थी। मम्मी यह गुड़िया बहुत प्यारी है।” किरण यह सुनकर रवीना को बेहद डांट लगाती हैं।

किरण वह गुड़िया उठा कर बाहर कचरे में फेंक देती हैं। रवीना बहुत रोती हैं और कहती है, “मम्मी, वो मेरी दोस्त है।” लेकिन किरण रवीना की कोई बात नहीं सुनती है। अब शाम को जब राघव घर पर वापस आता है तो किरण राघव को भी सब कुछ बता देती हैं। राघव रवीना को बड़े प्यार से समझाता है और उससे कहता हैं कि, ” बेटा,यूं सड़क से कोई भी चीज नहीं उठाते हैं। यह अच्छी बात नहीं है।” रवीना राघव की बात समझ जाती हैं।

लेकिन अब एक बार जो बला घर में आ गई थी। उसे वापस निकालना इतना आसान भी नहीं होने वाला था। अब रात को वे सभी सोने चले जाते हैं। फिर से रात के 1 बजे किरण उठ जाती हैं। आज फिर किरण को हँसने की आवाज आ रही होती हैं। किरण को बहुत अजीब लगता हैं। आज वह आवाज बहुत स्पष्ट रूप से किरण को सुनाई दे रही थी। किरण को लगने लगता हैं कि फिर से वहम नहीं हो सकता है।

अब काफी देर किरण उस आवाज को सुनती रहती हैं। किरण को अचानक डर लगने लगता हैं। किरण अब राघव को जगाने लगती हैं। राघव अब उठ जाता हैं और किरण से कहता हैं, “क्या हुआ?” किरण राघव से कहती हैं, “ध्यान से सुनो, किसी के हँसने की आवाज आ रही हैं।” अब राघव को भी किसी की हँसने की आवाज स्पष्ट सुनाई दे रही थी।

वह आवाज उनके कमरे में से ही आ रही थी। राघव भी यह आवाज सुनकर बेहद हैरान हो जाता हैं। अब किरण और राघव जैसे ही कमरे के कोने में देखते हैं तो उन्हें वहां वहीं गुड़िया दिखती हैं, जो किरण ने कचरे में फेंक दी थी। (daravani kahaniyan hindi mein)

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राघव और किरण देखते हैं कि वह गुड़िया इंसानी आवाज में हंस रही थी। राघव और किरण यह देखकर बेहद डर जाते हैं। उन्हें विश्वास नहीं होता हैं कि वो क्या देख रहे हैं? ऐसा कैसे हो सकता हैं? अब वह गुड़िया हँसते हुए बोलती हैं, “किरण तुमने मुझे बाहर कचरे में क्यों फेंक दिया था?” राघव और किरण बेहद डर जाते हैं। वह गुड़िया आगे बोलती हैं,”मुझे रवीना के साथ खेलना था। वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं। अब तुमने मेरे साथ ऐसा किया इसलिए मैं रवीना को अपने साथ ले जाने आई हूँ।”

यह सुनते ही किरण बेहद डर जाती हैं। वह तुरंत रवीना को अपने गले से लगा लेती हैं। किरण डरते डरते हुए उस हंसती हुई गुड़िया से पूछती हैं, “तुम कौन हो? मैं तुम्हें अपनी बेटी नहीं दूंगी।” वह भूतिया गुड़िया किरण से कहती हैं, “मैं भी तुम्हारी ही तरह एक औरत थी। मेरी शादी हुई थी। लेकिन शादी के बाद काफी कोशिशों के बाद भी मैं मां नहीं बन पाई। इसलिए मेरे ससुराल वालों ने मुझे जला दिया। आज भी मैं एक बच्चे तलाश में हूं। तुम्हारी बेटी को मैं अपने साथ लेकर जाऊंगी।”

किरण और राघव यह सुनकर हैरान हो जाते है। वह उस आत्मा की पीड़ा समझ जाते हैं। किरण भूतिया गुड़िया से कहती हैं, “तुम्हारे साथ जो भी हुआ, मैं मानती हूं, वह गलत था। लेकिन उसकी वजह से तुम एक मां से उसकी बेटी को दूर नहीं कर सकती हो। तुमने तो यह दुःख देखा है और सहा भी है। मैं तुमसे भीख मांगती हूं। मेरी बेटी को छोड़ दो।” यह सुनकर भूतिया गुड़िया काफी इमोशनल हो जाती हैं। भूतिया गुड़िया किरण से कुछ भी नहीं कहती हैं।

किरण आगे भूतिया गुड़िया से कहती हैं, “देखो, मेरे पति राघव एक वकील है। मैं तुमसे वादा करती हूं कि हम तुम्हे इंसाफ दिलाएंगे। लेकिन अब तुम यह संसार त्याग दो। तुम्हारी नई जिंदगी तुम्हारा इंतजार कर रही हैं। मुक्त हों जाओ।”

भूतिया गुड़िया को किरण की बातें समझ आ जाती हैं। अब वह आत्मा मुक्ति पाने के लिए तैयार हो जाती हैं। किरण और राघव उसे मुक्ति देने के लिए उस गुड़िया को जला देते हैं। गुड़िया के जलते ही वह आत्मा मुक्त हों जाती हैं। किरण और राघव ने जो उस आत्मा से वादा किया था, वह उसे पूरा करते हैं। राघव उस आत्मा के ससुराल वालों को जेल की सजा दिलवा देता हैं और उस आत्मा को इंसाफ दिलाता हैं। अब वे दोनों ऐसी ही औरतों की मदद करते हैं।

daravani kahaniyan hindi mein से शिक्षा

इस ‘daravani kahaniyan hindi mein: हंसती हुई गुड़िया’ से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें अक्सर बच्चों का ख्याल रखना चाहिए। वे नादानी में किसी बड़ी मुसीबत में न पड़ जाए, इसका ख्याल रखना चाहिए। इस daravani kahaniyan hindi mein से हमे यह भी पता चलता हैं कि बच्चा न होने पर एक औरत को ही गलत समझना और उसके साथ गलत करना बिल्कुल भी सही नहीं होता हैं।

Conclusion: दोस्तों आपको आज की हमारी daravani kahaniyan hindi mein कैसी लगी? daravani kahaniyan hindi mein (daravani kahaniyan bhoot ki) के बारे में अपने विचार कमेन्ट में जरूर बताए। साथ ही आप हमारी वेबसाइट पर और भी Daravani kahaniyan पढ़ सकते हैं। धन्यवाद!

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