heart touching sad love story in hindi- आज मैं आपके लिए motivational sad love story in hindi लेकर आयी हूँ। आशा है कि आपको यह sad love story in hindi for girlfriend पसंद आएगी। यदि आप भी अपनी जिंदगी में ब्रेकअप के फेज से गुजर रहे हैं, तो आज की यह very sad love story in hindi आपके लिए है।
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Heart Touching Sad Love Story in Hindi part-1
दिल्ली एक बहुत बड़ा और खूबसूरत शहर है। दिल्ली में लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें अपने आसपास क्या हो रहा है इसका भी पता नहीं होता। इस खूबसूरत और बड़े शहर में हर व्यक्ति किसी न किसी चिंता से घिरा हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अपनी खुद की कोई ना कोई समस्या है।
प्रत्येक व्यक्ति अपनी इन समस्याओं को सुलझाने के लिए अपने जीवन में कोई ना कोई फैसला लेता है। परंतु यह फैसला, यह निर्णय केवल उनके निजी जीवन को सरल करने के लिए होता है। उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता है कि उनके फैसलों से किसी और व्यक्ति के जीवन में क्या प्रभाव पड़ रहा है।
दिल्ली शहर के इसी भीड़-भाड़ भरी और चिंताओं से भरी इस दुनिया में एक राहुल नाम का लड़का भी रहता था। राहुल की जिंदगी बाकियों से अलग नहीं थी। उसे भी सभी की तरह वही समस्याएं थी जो हर किसी व्यक्ति को थी। राहुल दिल्ली शहर के छोटे से मोहल्ले में रहता था।
राहुल एक मध्यमवर्गीय परिवार से था। राहुल के परिवार में उसकी मां और उसकी एक बड़ी बहन थी। राहुल के पिता जब राहुल 6 साल का था, तभी इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे। इसके बाद राहुल ने सबसे छोटा होते हुए भी घर की सारी जिम्मेदारियां अपने कंधों पर उठा ली थी। तब से राहुल एक बेहतर जिंदगी की तलाश में था।
राहुल के सपने बहुत बड़े-बड़े थे। राहुल बचपन से ही कुछ बहुत बड़ा करना चाहता था परंतु घर की जिम्मेदारियों ने राहुल को दबा दिया था। राहुल जैसे-जैसे बड़ा हुआ, वैसे-वैसे राहुल को समझ में आने लगा कि वह या तो अपने सपने पूरे कर सकता है, या फिर अपने घर की जिम्मेदारियां संभाल सकता है। राहुल की इच्छाएं बड़ी-बड़ी थी परंतु अपने घर की स्थिति को देखते हुए राहुल अपने मन की इच्छाओं को मार देता था।
राहुल की बड़ी बहन राहुल को हमेशा समझती थी कि जीवन में संयम और संतुलन रखना बेहद जरूरी होता है। राहुल जल्दी से अपने जीवन में सफल होना चाहता था। राहुल को अपनी बहन की बातों से भी चिढ़ होती थी क्योंकि राहुल की बहन का मानना था कि जीवन में हर वक्त संयम रखना चाहिए। राहुल को यह बात अच्छी नहीं लगती थी।
पिछले कुछ समय से राहुल के जीवन में कुछ भी सही नहीं चल रहा था। राहुल को काफी समय से एक प्रिया नाम की लड़की से प्यार था। प्रिया राहुल से रोजाना बातें करती थी। राहुल को लगने लगा था कि प्रिया भी उससे प्यार करती है परंतु एक दिन प्रिया राहुल को छोड़कर चली जाती है। प्रिया राहुल को कोई वजह नहीं बताती है। राहुल को अब लगने लगता है कि प्रिया केवल उसके साथ टाइम पास कर रही थी परंतु राहुल को प्रिया से बेहद प्रेम होता है।
राहुल प्रिया को भुला नहीं पा रहा था। राहुल अपने जीवन में आगे बढ़ने की बहुत कोशिश करता है परंतु वह आगे नहीं बढ़ पा रहा था। राहुल के इस बर्ताव की वजह से राहुल के घर वाले भी परेशान थे। राहुल को यह नहीं पता लग रहा था कि उसके वजह से उसके आसपास के लोगों पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है।
एक दिन राहुल ऑनलाइन एक लड़की से मिलता है उसका नाम दिव्या होता है। दिव्या भी अपनी जिंदगी में बेहद परेशान थी। दिव्या दिल की बहुत ही साफ और अच्छी लड़की थी। दिव्या के लिए दोस्ती केवल एक शब्द नहीं एक भावना थी। जब दिव्या राहुल से ऑनलाइन मिलती है तो उसे पहले समझ में नहीं आता कि राहुल किस प्रकार का लड़का है।
कुछ दिनों तक दोनों में काफी बातें होती हैं। धीरे-धीरे राहुल और दिव्या की दोस्ती गहरी होती जाती है। अब राहुल और दिव्या आपस में एक दूसरे की निजी जिंदगी के बारे में बताने लगते हैं। दिव्या हर रोज राहुल को अपनी समस्याओं के बारे में बताती और राहुल भी दिव्या को अपनी समस्याओं के बारे में बताने लगा। राहुल ने दिव्या को बताया कि वह प्रिया से बेहद प्यार करता था परंतु प्रिया उसे बिना वजह दिए छोड़ कर चली गई।
दिव्या को राहुल की बातें समझ में आती है। वह राहुल को समझने की बहुत कोशिश करती है। वह राहुल से कहती है कि तुम्हें उसे भूल जाना चाहिए और जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। तुम्हें अपने घर वालों की तरफ देखना चाहिए और उन्हें संभालना चाहिए। तुम्हारा जीवन केवल तुम्हारे लिए नहीं दूसरों के लिए भी है। तुम्हारे परिवार में तुम्हारी मां और तुम्हारी बहन का तुम्हारे अलावा कोई भी नहीं है इसलिए तुम्हें प्रिया से ज्यादा अपने घर वालों की और अपने आसपास के लोगों की चिंता करनी चाहिए।
परंतु राहुल को दिव्या की बातें अच्छी नहीं लगती है। वह सोचता है कि दिव्या ऐसा क्यों कह रही है जबकि दिव्या अच्छे से जानती है कि राहुल प्रिया से बेहद प्रेम करता है और वह उसे अपनी जिंदगी में वापस लाना चाहता है। परंतु राहुल को यह समझ में नहीं आ रहा था कि वह ऐसा क्या करें जिससे प्रिया उसकी जिंदगी में वापस आ जाए।
दिव्या ने राहुल को समझाने का बहुत प्रयास किया परंतु जब राहुल नहीं समझा तो दिव्या ने कहा कि तुम एक बार प्रिया से बात करके देख लो। यदि वह भी तुमसे प्यार करती है तो मैं तुम्हें उसके पास जाने से नहीं रोकूंगी परंतु यदि ऐसा नहीं है तो एक दोस्त होने के नाते मैं तुम्हें यही कहूंगी कि तुम मुझे भूल जाओ और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो।
दिव्या और राहुल रोजाना बातें करते थे। अब दिव्या भी धीरे-धीरे राहुल पनीर पर होने लगी थी दिव्या की अपनी जिंदगी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा था। उसकी जिंदगी में केवल राहुल एक अच्छा और सच्चा दोस्त था। उसे राहुल से बातें करके बेहद अच्छा लगता था। वह राहुल को खुश देखना चाहती थी और राहुल को अपना सच्चा दोस्त मानती थी परंतु राहुल को अब और कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था।
राहुल ने दिव्या की बातों पर गौर किया और उसने फैसला किया कि वह प्रिया से बात करेगा।अब राहुल प्रिया से बात करने की कोशिश करता है। राहुल जब प्रिया से बात करता है तो उसे समझ में आता है कि प्रिया उससे बिल्कुल प्यार नहीं करती है और वह सिर्फ उससे अपने मतलब के लिए बात कर रही थी। राहुल को प्रिया की बातों से और उसके बर्ताव से बेहद ठेस पहुंचती है। वह खुद को संभाल नहीं पाता है।
राहुल प्रिया से बेहद प्रेम करता था इसलिए वह उसको समझ में नहीं आता है कि प्रिया ने उसके साथ ऐसा क्यों किया। राहुल अब दिव्या को यह सब बातें बताता है। दिव्या राहुल से फिर से वही कहती है जो वह उसे हमेशा से समझाती आ रही थी। राहुल को अब दिव्या की बातें सही लगने लगती है परंतु राहुल के लिए आगे बढ़ पाना इतना आसान नहीं था।
राहुल अब धीरे-धीरे अपने काम से भी दूर होता जा रहा था। राहुल का काम करने में भी मन नहीं लगता था राहुल अपने परिवार से भी दूर होता जा रहा था। राहुल कभी अपने परिवार के पास दो पल बैठकर उनसे बात भी नहीं करता था। राहुल को बिल्कुल भी परवाह नहीं थी कि उसके परिवार में क्या हो रहा है, उसकी मां और बहन कैसी है।
राहुल अब केवल खुद के बारे में सोचने लगा था। उसने अपने आप को संभालने के लिए अब कुछ फैसला लेना शुरू किया। राहुल का सबसे बड़ा फैसला था कि वह अब नौकरी नहीं करेगा क्योंकि उसका नौकरी में मन नहीं लगता है। परंतु यह राहुल की सबसे बड़ी गलती थी। राहुल ने बिल्कुल भी नहीं सोचा कि उसके इस फैसले से उसके आसपास के लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा राहुल ने दूसरा फैसला लिया कि वह सभी से दूर हो जाएगा और वह किसी से भी बात नहीं करेगा।
Heart Touching Sad Love Story in Hindi part-2
राहुल ने दिव्या से भी बात करना बंद कर दिया था। राहुल को अब किसी की भी परवाह नहीं थी राहुल केवल अपने आपके बारे में सोच रहा था। उसके के इन फैसलों से राहुल के आसपास के लोगों को काफी तकलीफ होती है पर राहुल ये सब नहीं समझ पाता है।
राहुल के बदलते व्यवहार के कारण राहुल के आसपास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। राहुल के परिवार को राहुल की नौकरी छोड़ने के बाद काफी मुश्किलें आई। उनके पास अब खाने तक के पैसे नहीं थे। धीरे-धीरे वह और भी गरीबी और कर्जे में डूबते चले गए परंतु राहुल को अभी भी यह नहीं दिख रहा था कि उसके परिवार वाले किस दशा से गुजर रहे हैं। राहुल केवल अपने बारे में सोच रहा था और एक ऐसे अंधकार में जा रहा था जहां से उसका वापस आ पाना थोड़ा सा मुश्किल लग रहा था।
राहुल के अचानक बात बंद कर देने से यहां दिव्या की जिंदगी में भी काफी प्रभाव पड़ा। दिव्या, जो केवल राहुल से बात करती थी, अब उसके पास भी कोई और दोस्त नहीं रहा था। दिव्या के लिए किसी और पर विश्वास करना भी अब मुश्किल हो रहा था क्योंकि उसने जिसे अपना सबसे अच्छा दोस्त माना, उसने भी उससे मुंह मोड़ लिया।
दिव्या ने राहुल के अच्छे भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की थी और उसे अपनी जिंदगी में आगे बढ़ता हुआ देखना चाहती थी। परंतु राहुल को सिर्फ अपनी चिंता थी। उसने अपने मतलब के लिए कई निर्णय और फैसले लिए जिससे उसके आसपास के लोगों को बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ा।
राहुल के परिवार और दिव्या पर ही उसके निर्णय का असर नहीं हुआ बल्कि उसके अपनी निजी जिंदगी में भी बहुत बड़ा असर हुआ। राहुल धीरे-धीरे सबसे दूर होता चला गया। राहुल के दोस्त भी उससे दूर हो गए। राहुल को अब काम मिलना भी मुश्किल सा हो गया था।
राहुल की बहन ने अपने घर के हालात सुधारने के लिए घरों में काम करना शुरू कर दिया था। राहुल की मां की तबीयत बेहद खराब रहने लगी थी। दिव्या भी धीरे-धीरे डिप्रेशन में जा रही थी परंतु राहुल को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।
एक दिन राहुल अपने कमरे में बैठा था। राहुल अपने ही ख्यालों में खोया हुआ था। तभी राहुल को अपने कमरे में एक किताब नजर आई। राहुल को वह किताब देखने में काफी आकर्षक लग रही थी। ना जाने क्यों, वह किताब राहुल को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। राहुल खुद को रोक नहीं पाता है। वह जाकर उस किताब को पढ़ने लगता है।
उस किताब में बताया हुआ था कि कैसे हमारे खुद के फैसले जो हम अपने लिए लेते हैं। हमारे अपने स्वार्थ के लिए लेते हैं और उससे हमारे आसपास के लोगों पर कैसे प्रभाव पड़ता है और हम धीरे-धीरे मतलबी होते जाते हैं।
राहुल ने जैसे-जैसे वह किताब पढ़ना शुरू किया, राहुल को लगने लगा कि क्या मैं भी ऐसा ही कर रहा हूं। राहुल ने जब वह किताब पढ़ी तो राहुल को समझ में आया कि वह जो कर रहा है, उससे वह वो असली वाला राहुल रहा ही नहीं। राहुल तो सब के बारे में सोचने वाला लड़का था। राहुल अपनी मां और अपनी बहन को बेहद खुश रखने वाला लड़का था।
राहुल दिव्या से भी बहुत अच्छे से पेश आता था और उसका सबसे अच्छा दोस्त था परंतु राहुल ने केवल एक लड़की के लिए और अपने मतलब के लिए कुछ निर्णय लिए जिनका असर उसके परिवार और उसके आसपास के लोगों पर पड़ा।
राहुल ने अब सोच लिया था कि वह फिर से बदलेगा और सब कुछ सही कर देगा पर राहुल के लिए यह इतना आसान नहीं होने वाला था राहुल जी चीज को छोड़ चुका था उसे वापस अपने अंदर लेकर आना बेहद मुश्किल था परंतु राहुल खुद को फिर से बदलने की कोशिश में लग जाता है।
अगले दिन राहुल अपने मां और बहन के पास जाता है और उनसे बात करने की कोशिश करता है। राहुल की मां और बहन राहुल को यूं देखकर आश्चर्यचकित रह जाती है परंतु उन्हें बेहद खुशी होती है कि आखिरकार राहुल उनके पास वापस आ ही गया। राहुल की मां की आंखों में से आंसू झलक उठाते हैं। राहुल की मां उससे कहती है कि बेटा तुम्हें क्या हो गया था, तुम हमसे इतना दूर क्यों चले गए थे।
राहुल को बेहद तकलीफ होती है, जब वह अपनी मां की आंखों में आंसू देखता है। राहुल अपनी बहन की तरफ देखा है जो घरों में काम कर कर बेहद थक चुकी थी। राहुल अपनी बहन और अपनी मां से माफी मांगता है। कहता है कि वह खुद को बदलेगा और अपने फैसलों को बदलेगा और वही करेगा जो उसके परिवार के लिए सही होगा। राहुल अपनी बहन से कहता है कि आज के बाद उसे काम पर जाने की जरूरत नहीं है।
राहुल अगले दिन से काम ढूंढने में लग जाता है। राहुल के लिए एक बार नौकरी छोड़ देने पर वापस नौकरी पर लेने में काफी तकलीफ होती है परंतु राहुल हार नहीं मानता है। राहुल बेहद प्रयास करता है। आखिरकार बहुत कोशिशें के बाद राहुल को नौकरी मिल ही जाती है और राहुल अब अपने परिवार को पहले की तरह खुश और सुखी स्वस्थ रखने लगता है।
उसे अब यह समझ में आ जाता है कि उसका अपना एक परिवार है जिसकी जिम्मेदारियां राहुल पर है और यदि वह संयम रखेगा तो उसे बहुत कुछ मिल सकता है। राहुल अब फिर से दिव्या से बात करने की कोशिश करता है परंतु दिव्या राहुल से बेहद नाराज होती है। राहुल धीरे-धीरे दिव्या को भी मना लेता है और दिव्या से बात करके उसे अच्छा महसूस होता है।
राहुल दिव्या की उसके डिप्रेशन से लड़ने में मदद करता है। राहुल दिव्या से माफी मांगता है कि उसके मुश्किल समय में राहुल उसके साथ नहीं था और राहुल यह भी उसे कहता है कि दिव्या ने जो उससे कहा था, वह सब सही था। राहुल को समझने में थोड़ा सा वक्त लग गया।
दिव्या को राहुल की बातों से काफी खुशी होती है। दिव्या राहुल को वापस अपनी जिंदगी में पाकर खुश होती है। उसे लगता है कि जैसे उसका दोस्त उसके पास वापस लौट आया है। अब दिव्या राहुल को माफ कर देती है और दोनों फिर से अच्छे दोस्त बन जाते हैं।
अब राहुल खुद को बदलने में लग जाता है। वह अब पहले की तरह दूसरों के बारे में सोचने लगता है बल्कि वह पहले से भी कई ज्यादा समझदार हो जाता है। राहुल की लगातार मेहनत से और संयम रखने से राहुल कुछ समय बाद बहुत बड़ा आदमी बन जाता है। राहुल का अपने ऑफिस में प्रमोशन हो जाता है।
राहुल एक छोटे से पौधे से एक विशाल वृक्ष के समान बन जाता है। राहुल के परिवार की स्थिति भी पहले से बेहतर हो जाती हैं। वे सभी अपनी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाते है परंतु इस बार समझदारी और जिम्मेदारी के साथ।
heart touching sad love story in hindi से शिक्षा
इस heart touching sad love story in hindi से हमे ये शिक्षा मिलती हैं कि हमें सदैव बुरे समय को भी बेहतरीन बनाने का प्रयास करना चाहिए। बुरा वक़्त हमें अनेक अनुभव देकर जाता है जो अच्छे समय को सही से जीने के काम आते हैं।
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