भूतिया चिड़िया की कहानी- क्या आपको भूतिया चिड़िया की कहानियां सुनने का शौक है? इसीलिए तो आज हम आपके लिए भूतिया चिड़िया की कहानी (भूतिया chidiya कहानी) लेकर आए हैं। यह भूतिया चिड़िया की कहानी आपके रोंगटे खड़े कर देगी लेकिन अंत में आपको भूतिया चिड़िया की कहानी से शिक्षा भी मिलने वाली है तो आइए पढ़ते हैं भूतिया चिड़िया की कहानी–
भूतिया चिड़िया की कहानी । भूतिया chidiya कहानी
एक बार एक गांव था। उस गांव का नाम पल्लवगढ़ था। पल्लवगढ़ गांव बेहद खूबसूरत और बड़ा गांव था। कुछ समय पहले तक पल्लवगढ़ गांव में चारों तरफ खुशहाली रहती थीं और शांति का माहौल था। चारों तरफ चहल-पहल लगी रहती थीं। रात तक बच्चे-बुढ़े सभी घरों से बाहर हंसते खेलते रहते थे।
लेकिन अब पल्लवगढ़ गांव में चारों तरफ सिर्फ सन्नाटा छाया रहता हैं। अब पल्लवगढ़ में शाम होते ही सभी लोग अपने अपने घरों में चले जाते हैं और अपने घरों के खिड़की दरवाजे बंद कर देते हैं। सभी लोग अपने अपने काम से जल्दी घर पर आ जाते हैं। पल्लवगढ़ गांव के लोग बहुत ही डरे हुए रहते हैं।
पल्लवगढ़ के लोगों को हर रात एक डर लगा रहता हैं। पल्लवगढ़ गांव के लोगों का मानना है कि उनके गांव में एक भूतिया चिड़िया रहती हैं। जो रोज रात को सारे गांव में भटकती रहती हैं। जो भी रात को उस भूतिया चिड़िया को देख लेता था। वो इंसान कभी भी लौट कर नहीं आ पाता था।
रोज रात को वो चिड़िया आती हैं और सारी रात वो भूतिया चिड़िया पल्लवगढ़ गांव में रोती रहती हैं। गांव के बुजुर्गों का मानना था कि वो भूतिया चिड़िया रो रोकर अपने पास लोगों को बुलाती हैं ताकि वो उन्हें अपना शिकार बना सकें। वो भूतिया चिड़िया इंसानी आवाज में रोती हैं। उस भूतिया चिड़िया की आवाज को गांव वाले मनहूस मानते थे। सभी को उसकी आवाज से काफी डर लगता था।
पल्लवगढ़ गांव में उस भूतिया चिड़िया को किसी ने भी नहीं देखा था। जिसने उसे देखा वो कभी भी वापस नहीं आया। पर लोगों का मानना था कि वो भूतिया चिड़िया काफी बड़ी है और वह चिड़िया बेहद काली है। रात में केवल उसकी आँखें दिखाई देती हैं। लोगों के अनुसार वह भूतिया चिड़िया बेहद डरावनी है।
अब पल्लवगढ़ गांव में इस खौफ के माहौल को बने काफी समय बीत चुका था। लोगों ने सारी उम्मीदें खो दी थीं कि वो कभी भी उस भूतिया चिड़िया से गांव को आजाद कर पाएंगे। पल्लवगढ़ गांव के लोगों को अब रोज रात को उस भूतिया चिड़िया की रोने की आवाज सुनने की आदत हो चुकी थी।
समय के साथ-साथ पल्लवगढ़ गांव में सब कुछ बदल गया था लेकिन जो एक चीज आज भी नहीं बदली थी वो थी वो डरावनी काली भूतिया चिड़िया।
पल्लवगढ़ गांव में अब एक लड़का रहता हैं जो कब १५ साल का हो चुका हैं। उसका नाम है गौरव। गौरव यूं तो अभी भी एक छोटा बच्चा था लेकिन गौरव बचपन से ही भूतिया चिड़िया के बारे में सुनता हुआ आ रहा था।
गौरव बचपन से ही उस भूतिया चिड़िया की रोने की आवाज सुन रहा था। गौरव जैसे-जैसे बड़ा हुआ, उसके मन में उस भूतिया चिड़िया को देखने की जिज्ञासा बढ़ती ही जा रही थी। रोज रात को जब वह भूतिया चिड़िया रोती तो गौरव बहुत कोशिश करता हैं कि वो कही से भी एक बार उस चिड़िया को अपनी आंखों से ले। लेकिन हर बार गौरव के घर वाले उसे बाहर जाने से रोक लेते थे और गौरव की उसे देखने की इच्छा ओर भी प्रबल होती जाती थी।
अब एक दिन गौरव के माता-पिता को किसी काम से शहर जाना पड़ता हैं। वो गौरव को अकेला गांव में छोड़ कर चले जाते हैं। जाने से पहले गौरव के माता-पिता उसे बहुत समझाते हैं और गौरव को शाम होते ही घर से बाहर न निकलने के लिए कहते हैं। गौरव अपने माता-पिता को हाँ कहकर उन्हें जाने देता हैं।
अब गौरव उस रात को सभी खिड़की दरवाजे बंद करके अपने घर में सो रहा होता हैं। अब रोज रात की तरह उस रात को भी गौरव को उस भूतिया चिड़िया की रोने की आवाज सुनाई देती हैं। गौरव पहले सोचता है कि वो बाहर न जाए लेकिन गौरव को भूतिया चिड़िया की रोने की आवाज लगातार आती रहती हैं। अब गौरव बाहर जाने की सोच लेता हैं।
अब गौरव अपने घर का दरवाजा खोल देता हैं। गौरव ध्यान से चिड़िया की रोने की आवाज सुनने लगता हैं। गौरव को वैसे तो बहुत डर लग रहा होता हैं लेकिन वो फिर भी उस भूतिया चिड़िया की आवाज सुनकर उसे देखने लिए निकल जाता हैं। गौरव अपने घर से बाहर आकर गांव की गलियों में उस भूतिया चिड़िया की रोने की आवाज का पीछा करने लगता हैं और उस भूतिया चिड़िया को खोजने लगता हैं।
गौरव को भूतिया चिड़िया की आवाज से बेहद डर लग रहा होता हैं। वह रोने की आवाज बेहद डरावनी होती हैं। गौरव आवाज का पीछा करता हुआ गांव के एक चौराहे पर आ जाता हैं। रात में काफी अंधेरा होता हैं। चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था। उस सन्नाटे में केवल वो भयानक रोने की आवाज सुनाई दे रही होती हैं। उस चौराहे पर गौरव को एक पीपल का पेड़ दिखाई देता हैं।
वह भूतिया चिड़िया के रोने की आवाज उस पीपल के पेड़ पर से आ रहीं होती हैं। गौरव पेड़ से काफी दूर खड़ा होता हैं लेकिन उसे पेड़ के पास आना होता हैं। गौरव डरता हुआ अपने कदम आगे बढ़ाता है। गौरव के हाथ पैर कांप रहे होते हैं। लेकिन गौरव उस पेड़ के पास चला जाता हैं। वहां जाकर गौरव को अजीब सी बेचैनी होने लगती हैं।
चारों तरह सन्नाटा अंधेरा होता हैं और अजीब सी ठंडी ठंडी हवाएं चल रहीं होती है। गौरव उस पेड़ को देखने लगता हैं वो भूतिया चिड़िया अभी भी रो रही होती हैं। गौरव के कंठ सूखने लगते हैं। गौरव के दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं। गौरव डरता डरता हुआ कांपती हुई आवाज़ में उस पेड़ के पास आकर बोलता है, “को…को…कौन… हैं?”
गौरव के इतना कहते ही अचानक से वो रोने की आवाज बंद हों जाती हैं। गौरव उस पेड़ की तरफ गौर से देखने लगता हैं। देखते-देखते अचानक से गौरव को एक बहुत बड़ा काला साया दिखाई देता हैं जो उस पेड़ पर बैठा होता हैं। उसकी केवल दो आँखें चमक रहीं होती है। वह साया बेहद डरावना और भयानक होता हैं। वह साया बिल्कुल वैसा ही था, जैसा गौरव ने बचपन से सुना था। गौरव उस भूतिया चिड़िया को देखकर बेहद डर जाता हैं।
गौरव अब वहां से भागने की कोशिश करता हैं लेकिन वह वहां से भाग नहीं पाता है। गौरव डर से वहीं पर नीचे गिर जाता हैं। वह भूतिया चिड़िया गौरव को देखकर हंसने लगती हैं। उस भूतिया चिड़िया की हँसी भी बहुत डरावनी होती हैं। गौरव से वो भूतिया चिड़िया कहती हैं, “तुमने यहां आकर बहुत बड़ी गलती कर दी है। तुम अभी बच्चे हो। तुम यहां क्यों आए हों?”
गौरव बेहद डर जाता हैं। वह भूतिया चिड़िया से डरते डरते कहता हैं, “मुझे माफ कर दो। मुझे यहां नहीं आना चाहिए था। मुझे यहां से जाने दो।” गौरव की बात सुनकर भूतिया चिड़िया गौरव से कहती हैं, “नहीं, अब तुम यहां से जिंदा वापस नहीं जा सकते हो। अब तुम्हें मेरे साथ चलना पड़ेगा।”
गौरव भूतिया चिड़िया की ये बात सुनकर वहां से भागने की कोशिश करता हैं। लेकिन भूतिया चिड़िया गौरव को अपनी शक्तियों से रोक लेती हैं। वह गौरव से कहती हैं, “यदि तुम्हारी कोई आखिरी इच्छा हो तो बता दो। आज के बाद तुम यहां कभी भी वापस नहीं आ पाओगे।”
गौरव बेहद डर जाता हैं। लेकिन अब गौरव को कोई रास्ता नजर नहीं आता है। गौरव अपनी गलती पर बेहद पछताता हैं। लेकिन फिर भी गौरव उस समय अपने दिमाग से काम लेता हैं। गौरव भूतिया चिड़िया की बात सुनकर उससे पूछता है, “मेरी कोई आखिरी इच्छा नहीं है। मेरा केवल एक सवाल है तुमसे।” भूतिया चिड़िया गौरव से कहती हैं, “पूछो, क्या सवाल हैं तुम्हारा?”
गौरव भूतिया चिड़िया से कहता हैं, “तुम इन लोगों को क्यों मार रही हो?” गौरव की बात सुनकर भूतिया चिड़िया बेहद दुःखी हो जाती हैं। गौरव भूतिया चिड़िया को यूं देखकर हैरान हो जाता हैं। भूतिया चिड़िया गौरव से कहती है, “तुम्हें मेरे बारे में जानना है तो फिर सुनो। मैं भी तुम्हारी ही तरह एक छोटी सी मासूम लड़की थी। मैं भी इसी गांव से थी। मैंने और मेरे परिवार ने इन गांव वालों की बहुत सेवा और मदद की थी। लेकिन जब मुझे और मेरे परिवार को इन लोगों के मदद की जरूरत थी। तब इनमें से किसी ने भी हमारी मदद नहीं की। अब मैं यहां इन सब से बदला लेने आई हूं।”
गौरव भूतिया चिड़िया की बात सुनकर उलझन में पड़ जाता हैं और उससे पूछता है कि उसके साथ ऐसा क्या हुआ था। भूतिया चिड़िया गौरव को बताती हैं, “एक दिन मैं और मेरे मम्मी पापा, हम सभी बाहर घूमने जा रहे थे। हम सभी बहुत खुश थे। लेकिन तभी अचानक से गांव के एक मोड़ पर हमारा एक्सीडेंट हो गया। हम सब घायल हो गए थे। मेरे मम्मी पापा आगे बैठे थे और मैं पीछे। पीछे बैठने से मेरी जान बच गई। लेकिन….”
गौरव भूतिया चिड़िया को देखने लगता हैं। भूतिया चिड़िया बेहद भावुक हो जाती हैं। भूतिया चिड़िया आगे कहती हैं, “मेरे मम्मी-पापा जिंदा थे। मैंने सभी गांव वालों से मदद मांगी। लेकिन किसी ने भी हमारी मदद नहीं की। अगर वो हमारी मदद कर देते तो आज हम सब जिंदा होते। मम्मी-पापा के जाने के बाद मुझे भी किसी ने खाने तक का नहीं पूछा और भूख की वजह से मेरी भी मौत हो गई। हमने इन सब गांव वालों के लिए इतना किया और इनमें से किसी ने भी हमारी मदद नहीं की।”
भूतिया चिड़िया आगे कहती हैं कि, “इसलिए अब मैं भूतिया चिड़िया के रूप में यहां इन सब से बदला लेने आई हूं। मैं किसी को भी नहीं छोड़ूंगी।” गौरव भूतिया चिड़िया की कहानी सुनकर बेहद भावुक हो जाता हैं। गौरव भूतिया चिड़िया से कहता हैं, “मैं समझ सकता हूं कि तुम्हारे साथ जो भी हुआ वो गलत था। पर इसमें मेरी क्या गलती और मेरी ही तरह और भी बहुत से लोग हैं उन सब को भी इसमें कोई गलती नहीं है। तुम्हारे साथ जो हुआ वो बहुत पहले हुआ है। तुमने अब बहुत बदला ले लिया हैं। अब इस गांव को माफ कर दो।”
भूतिया चिड़िया गौरव की बातें ध्यान से सुनने लगती है। गौरव आगे कहता हैं, “मैं तुमसे तुम्हारे साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगता हूं। मैं तुमसे वादा करता हूं कि ये सभी गांव वाले तुमसे माफी मांगेगे। और मैं ये भी वादा करता हूं कि आज के बाद कोई भी किसी की भी मदद करने से पीछे नहीं हटेगा। मैं लोगों को उनकी गलती का अहसास दिलवाऊंगा और आगे आने वाले समय में तुम्हारी तरह किसी ओर को इस तरह तकलीफ न हो इसका भी पूरा ख्याल रखूंगा।”
भूतिया चिड़िया गौरव की बातों से सहमत होती हैं। गौरव भूतिया चिड़िया से कहता हैं, “अब बहुत हो गया बदला। तुम भी मुक्त हों जाओ और एक नए सफर की तरफ आगे बढ़ो। इन्हें माफ कर दो। और खुद को इस जन्म से आजाद करो।”
भूतिया चिड़िया गौरव की बातों से सहमत होती हैं। भूतिया चिड़िया गौरव को कहती हैं, “तुम सही कह रहे हो। बदले की भावना में मैं ये भूल गई थी कि मैं बेगुनाह लोगो से बदला ले रही हूं। मैं तुम्हें आजाद करती हूं। तुम यहां से जा सकते हो। जाने से पहले मैं तुम्हारा धन्यवाद करती हूं। तुमने मेरी आँखें खोल दी।”
गौरव भूतिया चिड़िया की बातों से बेहद खुश होता हैं। भूतिया चिड़िया गौरव से कहती है, “क्या तुम मुझे मुक्ति दे सकते हो?” गौरव भूतिया चिड़िया से पूछता है, “कैसे?” भूतिया चिड़िया गौरव को बताती हैं, “तुम कल सुबह इस पेड़ के नीचे से मेरी आखिरी निशानी निकाल कर उसे जला देना। मुझे मुक्ति मिल जाएगी।” गौरव भूतिया चिड़िया को उसे मुक्ति देने के लिए सहमत हो जाता हैं।
गौरव अब अपने घर लौट आता है। अगले दिन गौरव अपने घर वालों को और सभी गांव वालों को रात को हुई घटना के बारे मे बताता है। गौरव सभी को भूतिया चिड़िया की कहानी बताता हैं। सभी गांव वाले अपनी गलती पर बेहद शर्मिंदा होते हैं। अब वे सभी उस पेड़ के पास जाकर भूतिया चिड़िया से माफी मांगते हैं। और वे सभी वादा करते हैं कि वो अब ऐसी परिस्थिति में लोगों की मदद जरूर करेंगे।
अब गौरव पेड़ के पास खुदाई करके भूतिया चिड़िया की आखिरी निशानी निकाल लेता है और उसे जला देता हैं। उसके जलते ही भूतिया चिड़िया की आत्मा को मुक्ति मिल जाती हैं। और पल्लवगढ़ गांव भूतिया चिड़िया के चंगुल से आजाद हो जाता हैं।
अब गौरव ने जो भूतिया चिड़िया से वादा किया था वो उसे अच्छे से निभा रहा था। गौरव और सभी गांव वाले अब हर मुसीबत में फंसे इंसान की बिना कुछ ओर सोचे समझे हुए मदद करने को तैयार रहते हैं। गौरव भी अब बड़ा होकर लोगों को एक्सीडेंट के प्रति और इंसानियत के प्रति जागरूक बना रहा है। अब पल्लवगढ़ गांव पहले से भी अधिक खुशहाल और सुंदर हो गया है।
भूतिया चिड़िया की कहानी से शिक्षा
इस भूतिया चिड़िया की कहानी से हमे ये शिक्षा मिलती हैं कि हमे हमेशा मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करनी चाहिए। हमें किसी भी परेशानी में घबराने की बजाय शांति से उसका समाना करना चाहिए और दिमाग से काम लेना चाहिए।
Conclusion – दोस्तों, आपको आज की भूतिया चिड़िया की कहानी कैसी लगी। इस भूतिया चिड़िया की कहानी के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। आप हमारी वेबसाइट पर भूतिया चिड़िया की कहानी तरह ही और भी हिंदी कहानी पढ़ सकते हैं।